भारत के लिए सऊदी अरब एक बार फिर होगा तेल का सबसे बड़ा स्रोत…
सऊदी अरब एक बार फिर भारत के लिए सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता बनने जा रहा है। सऊदी अरामको द्वारा रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआइएल) के पेट्रोकेमिकल्स कारोबार में 20 फीसद हिस्सेदारी खरीदने के बाद यह सूरत बन रही है। कुछ समय पहले तक सऊदी अरब ही भारत के लिए कच्चे तेल का सबसे बड़ा स्रोत था। लेकिन पिछले दो वित्त वर्षो के दौरान इराक भारत को सबसे ज्यादा कच्चा तेल आपूर्ति करने वाला देश बन गया था।
इस वर्ष मार्च में खत्म हुए वित्त वर्ष के दौरान इराक ने भारत को 4.66 करोड़ टन कच्चे तेल की आपूर्ति की। उसके मुकाबले सऊदी अरब द्वारा भारत को की गई आपूर्ति 4.03 करोड़ टन की रही, जो इराक के मुकाबले 15 फीसद ज्यादा है। रिलायंस के सौदे के बाद सऊदी अरब एक बार फिर भारत के लिए सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता बन जाएगा।
आरआइएल ने इसी सप्ताह घोषणा की थी कि सऊदी अरामको ने उसके पेट्रोलियम और केमिकल कारोबार में 20 फीसद हिस्सेदारी खरीदी है। अब रिलायंस को अरामको से रोजाना पांच लाख बैरल या सालाना 2.5 करोड़ टन कच्चा तेल मिलेगा।
वुड मैकेंजी में रिफाइनिंग और केमिकल्स के वाइस प्रेसिडेंट एलन गेल्डर ने कहा कि पांच लाख बैरल रोजाना तेल आपूर्ति का मतलब यह है कि रिलायंस की सालाना कच्चा तेल जरूरत का 40 फीसद हिस्सा अरामको से आएगा। यह मात्र सऊदी अरामको को मिली हिस्सेदारी के अनुपात में बहुत ज्यादा है। अरामको अतीत में रिलायंस की 20 फीसद जरूरत की आपूर्ति करती रही है। गेल्डर का कहना था कि भारतीय बाजार में अरामको की दिलचस्पी पिछले कुछ समय से बरकरार है, और बढ़ ही रही है।
रिलायंस के ऑयल और केमिकल कारोबार में रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल्स शाखाओं के अलावा ऑयल मार्केटिंग शाखा में 51 फीसद हिस्सेदारी शामिल हैं। ऑयल मार्केटिंग शाखा की बाकी 49 फीसद हिस्सेदारी रिलायंस ने ब्रिटेन की दिग्गज ऑयल कंपनी बीपी पीएलसी के हाथों 7,000 करोड़ रुपये में बेच ली है।