भारत-चीन में बढ़ा सीमा विवाद, दोनों देशों ने किए सुरक्षा के कड़े इंतजाम
बीजिंगः भारत और चीन के बीच सिक्किम में हुए ताजा सीमा विवाद के बाद दोनों देशों ने इस इलाके में सुरक्षा इंतजाम कड़े कर दिए है। चीन और भारत दोनों ने इस इलाके में 3-3 हजार सैनिक तैनात कर रखे हैं। भारतीय सेनाध्यक्ष बिपिन रावत ने 29 जून को गंगटोक स्थित 17 माउंटेन डिविजन और कालिमपॉन्ग में 27 माउंटेन डिविजन का दौरा किया। विवाद तब शुरू हुआ जब चीनी सैनिकों ने भारतीय इलाके में बने दो अस्थाई बंकरों को नष्ट कर दिया। भारत के सिक्किम में स्थिति विवादित इलाका भूटान और तिब्बत के सीमा के निकट है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस इलाके खासकर डोका ला में स्थित कई सालों से गंभीर बनी हुई है। दोनों ही देश अपने सैनिकों को पीछे नहीं हटाना चाहते। चीन द्वारा घुसपैठ की ताजा कोशिश को रोकने के लिए भारतीय सैनिकों ने मानवदीवार बनाई थी। बिपिन रावत ने अपने दौरे में 17वीं डिविजन पर विशेष ध्यान दिया। 17वीं डिविजन की चार ब्रिगेडों पर पूर्वी सिक्किम की सुरक्षा की जिम्मेदारी है। हर ब्रिगेड में 3 हजार से अधिक सैनिक हैं। बिपिन रावत के दौरे में 33 कॉर्प्स और 17वीं डिविजन के सभी अधिकारी मौजूद रहे।
चीन इस इलाके में भूटान की डोकलाम घाटी तक जाने वाली सड़क बनाना चाहता है लेकिन भारत ने ऐसा करने की इजाजत देने से साफ मना कर दिया है। भूटान ने भी चीन को सड़क निर्माण रोकने के लिए कहा है। चीन उच्च गुणवत्ता वाली चौड़ी सड़क बना रहा है जिस पर भारी सैन्य वाहन भी आसानी से जा सकें। चीन की सेना ने गुरुवार को जारी एक बयान में कहा कि उसने तिब्बत में 35 टन वजन वाले टैंक का सड़क परीक्षण किया। माना जा रहा है कि चीन 40 टन तक वजन सह सकने वाली सड़क बना रहा है।