नई दिल्ली : चीनी सरकार की ओर से अपने विमानों को अधिक उड़ानें भरने देने की मांग को भारत ने खारिज कर दिया है। हाल ही में चीन ने भारत से कहा था कि उसकी एयरलाइन कंपनियों को दोनों देशों के बीच अधिक उड़ानों के संचालन की अनुमति दी जाए। लेकिन, भारतीय एयरलाइन कंपनियों की ओर से इसका जोरदार विरोध किया गया, जिसके बाद सरकार ने चीन की मांग को खारिज कर दिया। भारतीय कंपनियों का कहना है कि चीनी कंपनियों को अनुमति दिए जाने से खुद उनकी विस्तार की योजना प्रभावित होगी। इंडिगो, जेट एयरवेज, स्पाइसजेट, गोएयर समेत एयर इंडिया ने भी उड्डयन मंत्रालय के अधिकारियों के साथ हालिया मीटिंग में चीन के प्लान का तीखा विरोध किया। यह मीटिंग जून में हुए पीएम नरेंद्र मोदी के चीन दौरे के बाद हुई थी। इस ट्रिप पर पीएम मोदी से चीनी सरकार ने मांग की थी कि उसकी एयरलाइन कंपनियों के उड़ानों के अधिकार में इजाफा किया जाए।
उड्डन मंत्रालय के एक अधिकारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर बताया, ‘दोनों देशों के बीच फ्लाइंग राइट्स को बढ़ाने का प्रस्ताव था। लेकिन भारतीय कंपनियों ने यह कहते हुए इसका विरोध किया कि उन्होंने खुद चीन के लिए उड़ानों की संख्या बढ़ाने का फैसला लिया है। ऐसे में चीनी कंपनियों को अधिकार दिए जाने से उनकी विस्तार की योजना पर विपरीत असर पड़ेगा।’ उन्होंने कहा कि इसके बाद सरकार ने द्विपक्षीय ट्रैफिर राइट्स को बढ़ाने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। मौजूदा कोटे के मुताबिक दोनों देशों को एक सप्ताह में 42-42 फ्लाइट्स की अनुमति है। चीनी कंपनियां अपने कोटे का 93 फीसदी हिस्सा इस्तेमाल कर रही हैं, जबकि भारतीय कंपनियां 12 फीसदी हिस्सा ही यूज कर पा रही हैं।