भारत ने बनाई ऐसी सड़क, जिससे भारतीय सेना आसानी से पहुंच सकेगी पाकिस्तान और चीन
बीआरओ (Border Road Organisation) ने 15 हजार फीट की ऊंचाई पर शिंकुला दर्रे से एक वैकल्पिक सड़क बनाई है, जिसके जरिये अब भारतीय सेना आसानी से पाकिस्तान और चीन की सीमा पर पहुंच सकेगी. दरअसल, बीआरओ शिंकुला दर्रे से सड़क बनाकर करगिल को मनाली से जोड़ दिया है. यानी कि अब मनाली से कारगिल की दूरी 250 किलोमीटर कम हो गई है.
इसके पहले तक मनाली से लेह होकर कारगिल जाने के लिए 750 किमी का लंबा सफर करना पड़ता था. लेकिन इस सड़क के जरिये दूरी कम हो गई है. दुनिया की सबसे ऊंची सड़कों में से एक दारचा-शिंकुला-पदुम-करगिल मार्ग के दोनों छोरों को जोड़ दिया गया है. अब सेना बारालाचा, तंगलंगला और लाचुंगला दर्रों को पार किए बगैर शिंकुला दर्रा होकर जंस्कर से कारगिल पहुंच जाएगी.
इस बारे में बीआरओ 38 टीआरएफ के कमांडर कर्नल एसके अवस्थी ने बताया कि दारचा-शिंकुला- पदुम सड़क की फार्मेशन कटिंग पूरी हो गई है. बीआरओ ने जंस्कर के करग्या गांव के समीप ब्रिज बनाकर मनाली को करगिल से जोड़ दिया है. टारिंग के बाद इस मार्ग पर यातायात शुरू हो जाएगा. हिमाचल के हिस्से में सड़क का निर्माण दीपक प्रोजेक्ट और जम्मू कश्मीर में हिमांक प्रोजेक्ट कर रहा है.
कर्नल अवस्थी ने बताया कि शिंकुला दर्रा होकर मनाली से कारगिल की दूरी 500 किमी रहेगी. इस सड़क के बनने से करगिल जिला का पदुम उपमंडल टूरिस्ट के लिए खुल जाएगा. वहीं, रोहतांग टनल बनने के बाद कुछ घंटों में मनाली से करगिल का सफर पूरा होगा.