भारत पर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का बड़ा बयान
नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी ने रविवार को चीनी प्रेसिडेंट शी जिनपिंग से आधे घंटे मुलाकात की। पीएम ने पीओके से गुजरने वाले चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) का मुद्दा उठाया। इसके अलावा न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप्स (एनएसजी) में भारत की मेंबरशिप और टेररिज्म जैसे मतभेदों पर भी चर्चा हुई।
दोनों नेताओं के बीच तीन महीने में यह दूसरी मुलाकात है। जिनपिंग ने कहा- “चीन भारत के साथ मजबूत रिलेशन चाहता है।” बता दें कि मोदी जी-20 समिट में हिस्सा लेने चीन पहुंचे। 5 सितंबर को मोदी बराक ओबामा से भी मिलेंगे।
चाइना की सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ ने रिपोर्ट दी कि शी जिनपिंग ने मोदी से कहा कि चीन भारत के साथ बेहतर और मजबूत रिश्ते चाहता है।
बता दें कि तीन महीनों से भी कम वक्त में मोदी और शिनपिंग के बीच यह दूसरी मुलाकात है। इससे पहले दोनों नेताओं के बीच जून में ताशकंद में शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ) की मीटिंग के दौरान मुलाकात हुई थी। अब अगली मुलाकात गोवा में BRICS समिट के दौरान होगी।
मोदी ने कहा-“भारत किर्गिस्तान में चीन एम्बेसी पर हुए आतंकी हमले की भारत निंदा करता है।”
चीन-पाक इकोनॉमिक कॉरिडोर पर भारत की चिंता। 46 अरब डॉलर का ये कॉरिडोर पीओके में गिलगित-बाल्तिस्तान से गुजरने वाला है।
NSG मेंबरशिप चीन की वजह से भारत को नहीं मिल पाई। इस पर भी नए सिरे से बातचीत हुई।
मोदी जैश-ए-मोहम्मद को यूएन से टेरर आउटफिट डिक्लेयर कराना चाहते हैं। चीन ने पिछली बार इसमें रोड़ा अटकाया था।
ट्रेड बैलेंस भी चर्चा का हिस्सा रहा। जी-20 में भारत ने टेरर फाइनेंसिंग और टैक्स चोरी रोकने समेत कई मुद्दे उठाए।