नई दिल्ली (एजेंसी)। मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बीच गुरुवार को यहां हुई वार्ता में दोनों पक्षों ने सभी मतभेदों को सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझाने पर सहमति जाहिर की जिसमें भारतीय कंपनी जीएमआर द्वारा माले अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के संचालन करार के रद्द होने का मुद्दा भी शामिल है। दोनों देशों ने तीन सहमति पत्र पर हस्ताक्षर भी किए। फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) और एसोचैम द्वारा बाद में आयोजित एक कारोबारी सत्र के इतर मौके पर यामीन ने आईएएनएस से कहा ‘‘तीन सहमति पत्र पर हस्ताक्षर हुए हैं। दो का संबंध स्वास्थ्य और मानव संसाधन विकास से है और एक का संबंध कूटनीति से है।’’उन्होंने कहा कि कूटनीतिक सहमति का संबंध दिल्ली और माले में एक दूसरे देशों के दूतावासों के लिए भूमि से संबंधित है। प्रधानमंत्री सिंह ने वार्ता के दौरान मालदीव की सरकार से माले अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के मामले को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाने का आग्रह किया। पूर्व राष्ट्रपति मुहम्मद वहीद की सरकार ने दिसम्बर 2०12 में 5० करोड़ डॉलर के जीएमआर के साथ हुए करार को रद्द कर दिया था। नवंबर में अपने देश में हुए चुनाव के बाद पहले भारत दौरे पर आए यामीन ने कहा कि द्विपक्षीय संबंध पहले भले ही खराब रहे हों लेकिन उनका प्रशासन और मंत्रिपरिषद भारत के साथ एक मजबूत स्वस्थ संबंध बनाने का इच्छुक है। पूर्व राष्ट्रपति मौमून अब्दुल गयूम के सौतेले भाई यामीन ने कहा कि उनकी भारत की पहली यात्रा पूरी तरह सफल रही और वह हस्ताक्षर किए गए समझौतों से पूर्ण संतुष्ट हैं। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि वह राष्ट्रपति और मालदीव की जनता को एक सफल चुनाव कराने के लिए बधाई देते हैं। इससे मालदीव में सुलह और स्थिरता के साथ ही आर्थिक विकास का मार्ग भी प्रशस्त हुआ है। आर्थिक संबंधों में और सुधार के लिए प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति यामीन से माले अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के मामले और भारतीय निवेशकों की कुछ समस्याओं को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाने का आग्रह किया है।