भारत में निवेश बढ़ाने के लिए जापान ने 83,000 करोड़ का ‘मेक इन इंडिया’ कोष बनाया
नई दिल्ली: भारत के साथ द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर जोर देते हुए जापान ने 1,500 अरब युआन (करीब 83,000 करोड़ रुपये) का ‘मेक इन इंडिया’ कोष स्थापित किया है, जबकि भारत ने ‘जापान औद्योगिक शहर’ में निवेश आकर्षित करने के लिए एक विशेष प्रोत्साहन पैकेज लाने का वादा किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1,500 अरब युआन की विशेष ‘मेक इन इंडिया’ वित्त सुविधा का स्वागत किया है। यह वित्त सुविधा निपॉन एक्सपोर्ट एण्ड इनवेस्टमेंट इंश्योरेंस और जापान बैंक फॉर इंटरनेशनल कॉपोरेशन द्वारा की गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के बीच बैठक के बाद जारी संयुक्त वक्तव्य में यह कहा गया है।
इस वित्त सुविधा का मकसद जापान से भारत में प्रत्यक्ष निवेश को बढ़ावा देना है। इसके साथ ही उनके भारत में भागीदारों के साथ व्यावसायिक गतिविधियों को समर्थन देना भी है। इसमें जरूरी ढांचागत सुविधाओं के विकास और ‘मेक इन इंडिया’ में मदद करना है।
संयुक्त वक्तव्य में कहा गया है कि प्रधानमंत्री आबे ने वित्तीय क्षेत्र सहित अन्य क्षेत्रों में सुधार उपायों को आगे बढ़ाने की अपनी उम्मीद जताई है। इसमें कहा गया है कि दोनों प्रधानमंत्रियों ने ‘मेक-इन-इंडिया नीति’ के तहत आपसी सहयोग को और गहरा बनाने का फैसला किया है।
दोनों पक्षों ने जापान औद्योगिक शहर को विकसित करने की अपनी मंशा को फिर से जताया है। इसमें आने वाली कंपनियों को निवेश प्रोत्साहन भी दिया जाएगा। यह प्रोत्साहन सेज जैसे मौजूदा नीतिगत प्रारूप में दिए जाने वाले प्रोत्साहन से कम नहीं होगा।
वक्तव्य में कहा गया है, ‘इसके अलावा दोनों पक्ष भारत में जापानी औद्योगिक शहर में जापानी निवेश को आकर्षित करने के लिए विशेष पैकेज तैयार करने की दिशा में काम करेंगे।’