उत्तराखंड पहला राज्य होगा जहां सेटेलाइट से फसलों की देखरेख होगी। इसके बाद पंजाब और यूपी का मॉड्यूल तैयार किया जा रहा है। धीरे-धीरे देश के सभी राज्यों को इसमें शामिल किया जाएगा। अभी तक इस तकनीक का इस्तेमाल विदेशों में ही किया जा रहा है।
आईआईटी रुड़की के प्रोफेसर धर्मेंद्र सिंह के अनुसार सेटेलाइट आधारित तकनीक का परीक्षण किया जा चुका है और अब इसे लांच करने की तैयारी है।
इस तकनीक के लिए रिलायंस जीओ ने अपना क्लाउड स्टोरेज और प्रोसेसिंग की सुविधा दी है। फंडिंग रेलटेल कंपनी ने की है। उत्तराखंड का मॉड्यूल तैयार होने के बाद करीब 800 यूजर इसका परीक्षण कर रहे हैं।पिछले साल किस जिले या तहसील में किस फसल की पैदावार कितनी थी और इस बार उसकी क्या संभावना है। पिछले साल जनवरी में गेहूं या गन्ने की फसल की क्या स्थिति थी और इस बार क्या है, यह सब जानकारी घर बैठे ही मिल सकेगी।
यही नहीं तहसील और जिले स्तर पर फसलों के संबंध में साप्ताहिक जानकारी भी मिलती रहेगी। सेटेलाइट आधारित कृषि सूचना तकनीक का लाभ इंटरनेट के जरिए मिल सकेगा। इसके लिए यूजर को आईडी और पासवर्ड दिया जाएगा।
मोबाइल ऐप भी हो रहा तैयार
सेटेलाइट आधारित कृषि सूचना तकनीक विकसित करने के बाद मोबाइल ऐप भी तैयार किया जाएगा। इसे डाउनलोड करने के बाद लोगों को मोबाइल पर ही फसलों की सेहत और उत्पादन के संबंध में घर बैठे जानकारी प्राप्त हो सकेगी।
सेटेलाइट आधारित तकनीक का परीक्षण किया जा चुका है। अब इसे लांच करने की तैयारी है।