भारत में यहां तिजोरी में नहीं पहाड़ों पर मिल रहा है सोना
शिमला। कैलाश पर्वत भगवान शिव का घर माना जाता है। बताया जाता है कि यहां देवी, देवता, दानव मुनि आदि लोग सर्दियों में तपस्या करने आते हैं।
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जिसे देखने के लिए हर साल हजारों भक्त यहां आते हैं। इस पर्वत की अपनी अलग ही खासियत है। कैलाश मानसरोवर यात्रा के दौरान पर्वत पर बर्फ से से डक जाता है। लेकिन सूरज निकलते ही ये सोने का बन जाता है।
सोने का बन जाता है ये कैलाश पर्वत
कैलाश पर्वत पर जब सूर्य की पहली किरण पड़ती है, तब वह देखने में पूरा पहाड़ सोने का लगता है। बताया जाता है कि ब्रह्मा ने अपने मन-मस्तिष्क से मानसरोवर बनाया है। मानसरोवर संस्कृत के मानस (मस्तिष्क) और सरोवर (झील) शब्द से बना है।
कैलाश मानसरोवर की यात्रा में हर कदम बढ़ाने पर दिव्यता का अहसास होता है। ऐसा लगता है मानो एक अलग ही दुनिया में आ गए हों। मान्यता के मुताबिक जो व्यक्ति मानसरोवर (झील) की धरती को छू लेता है। वह ब्रह्मा के बनाये स्वर्ग में पहुंच जाता है और जो व्यक्ति झील का पानी पी लेता है। उसे भगवान शिव के बनाए स्वर्ग में जाने का अधिकार मिल जाता है। कहा जाता है कि ब्रह्ममुहुर्त (प्रात:काल 3-5 बजे) में देवता गण यहां स्नान करते हैं।
ग्रंथों के मुताबिक सती का हाथ इसी स्थान पर गिरा था, जिससे यह झील तैयार हुई, इसलिए इसे 51 शक्तिपीठों में से भी एक माना गया है गर्मी के दिनों में जब मानसरोवर की बर्फ पिघलती है तो एक प्रकार की आवाज भी सुनाई देती है। श्रद्धालु मानते हैं कि यह मृदंग की आवाज है। कई लोग तो सिर्फ यहां की खूबसूरती देखने के लिए आते हैं।