भारत में व्यापार के लिए Walmart ने दी करोड़ों की रिश्वत
दस्तक टाइम्स/एजेंसी-: रोजमर्रा के सामान बेचने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी वालमार्ट पर संदेह है कि उसने भारत में करोड़ों डॉलर की रिश्वत दी. यह बात मीडिया में आई एक खबर में कहा गया.
वाॅल स्ट्रीट जर्नल ने एक खबर में कहा भारत में वालमार्ट द्वारा जिस संदिग्ध रिश्वत मामले का खुलासा हुआ है उसमें निचले पदों पर तैनात स्थानीय कर्मचारियों को छोटी-छोटी राशि का हजारों बार भुगतान किया गया ताकि सीमा शुल्क विभाग से सामान छुड़ाया जा सके या जमीन-जायदाद संबंधी मंजूरी प्राप्त की जा सके.
अखबार ने कहा लोगों ने कहा कि भारी संख्या में 200 डॉलर से भी कम के भुगतान कई बार किए गए कई बार तो पांच डॉलर तक की भी रिश्वत दी गई, लेकिन कुल मिलकर यह राशि करोड़ों डॉलर होगी.
खबर में कहा गया कि वालमार्ट ने 2013 में भारती एंटरप्राइजेज लिमिटेड के साथ संयुक्त उद्यम में खुदरा दुकानें खोलने की योजना रद्द कर दी और बजाय इसके उसने भारत में सिर्फ थोक विक्रेता बनने का फैसला किया.
वालमार्ट पिछली यूपीए सरकार पर बहु-ब्रांड खुदरा क्षेत्र को खोलने के लिए दबाव बना रही थी और वह इस संबंध में अमेरिकी कांग्रेस में लॉबिंग भी कर रही थी. यह बात अमेरिकी संसद की विभिन्न रिपोर्टों में कही गई है.
खबर के मुताबिक वालमार्ट की व्यापक पैमाने पर रिश्वत देने की कोशिश के लिए उसे अमेरिका के विदेशी भ्रष्ट व्यवहार अधिनियम (एफसीपीए) के प्रावधानों के मुताबिक दंडित नहीं किया जा सकता क्योंकि उसे भारतीय परिचालन से कोई मुनाफा नहीं हुआ है.
अखबार ने कहा इस घटनाक्रम से जुड़े लोगों ने कहा कि एफसीपीए के तहत जुर्माना अक्सर कथित भ्रष्ट गतिविधियों से अर्जित आय की राशि से संबद्ध होता है. भारत में किए गए भुगतान पर कोई बड़ा जुर्माना नहीं लगेगा क्योंकि वहां वालमार्ट का परिचालन मुनाफे में नहीं रहा. वालमार्ट के मुख्यालय से भारत में रिश्वत दिए जाने की खबर पर कोई टिप्पणी नहीं मिल सकी.