भारत व अन्य देशों को अफगानिस्तान में आतंकवादियों से कभी न कभी लडऩा होगा : ट्रम्प
वाशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को कहा कि भारत को अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट के खिलाफ लड़ाई में उतरना चाहिए। व्हाउट हाउस में पत्रकारों से बातचीत में ट्रंप ने कहा कि अफगानिस्तान में भारत समेत रूस, तुर्की, इराक और पाकिस्तान को आतंकी संगठनों से लड़ाई में अपनी भूमिका अदा करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि अभी केवल अमेरिका ही करीब 7 हजार मील दूर आतंकवाद से लड़ रहा है। लेकिन कभी न कभी इन देशों को भी इसमें साथ देना होगा।
उन्होंने कहा कि अन्य देश फिलहाल अफगानिस्तान में आतंकवादियों के खिलाफ बहुत कम प्रयास कर रहे हैं। अफगानिस्तान में आईएसआईएस के फिर से उभरने के सवाल पर ट्रंप ने व्हाइट हाउस में पत्रकारों से कहा कि कभी न कभी रूस, अफगानिस्तान, ईरान, इराक, तुर्की को अपनी लड़ाई लडऩी होगी। वहां हमने पूरी तरह से खिलाफत को खत्म कर दिया। मैंने यह रिकॉर्ड समय में किया है, लेकिन ये सभी अन्य देश जहां आईएसआईएस उभर रहा है, कभी न कभी उससे प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा कि इन सभी देशों को उनसे लडऩा होगा क्योंकि क्या हम और 19 साल वहां रूकना चाहते हैं? मैं नहीं समझता हूं कि ऐसा है। ट्रंप ने इससे पहले संकेत दिए थे कि अफगानिस्तान से पूरी तरह से अमेरिकी सैनिकों की वापसी नहीं होगी। उनका कहना था कि अमेरिका को इस युद्ध ग्रस्त देश में मौजूद रहना ही होगा।
ट्रंप ने अपने ओवल कार्यालय में मंगलवार को संवाददाताओं से कहा कि हमारे पास खुफिया जानकारी रहेंगी, और हमारा कोई न कोई वहां हमेशा मौजूद रहेगा। ट्रंप अफगानिस्तान में तालिबान के साथ चल रही शांति वार्ता पर संवाददाताओं के प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि वह कई विकल्पों पर गौर करना चाहेंगे।
उन्होंने कहा कि एक विकल्प तो अभी चल ही रहा है। हम एक योजना के बारे में बात कर रहे हैं मुझे नहीं पता कि मुझे यह योजना स्वीकार होगी या नहीं, हो सकता है कि वह उन्हें स्वीकार न हो। लेकिन हम बात कर रहे हैं। हमारी अच्छी बातचीत चल रही है और हम देखेंगे कि क्या होता है। अन्य राष्ट्रपतियों ने जो किया है, यह उससे ज्यादा है। ट्रंप ने अफगानिस्तान से पूरी तरह से अमेरिकी सैनिकों की वापसी से इनकार करते हुए कहा कि हमने संख्या कम की है। हम अपने कुछ सैनिकों को वापस ला रहे हैं। लेकिन हमें वहां अपनी उपस्थिति रखनी होगी।