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भारत-सऊदी के बीच हुए कई करार, पीएम बोले- आतंकवाद पर मिलकर दबाव डालेंगे

  • दो दिवसीय भारत यात्रा पर हैं सऊदी क्राउन प्रिंस।
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ करेंगे द्विपक्षीय वार्ता।
  • पाकिस्तान पर दबाव बनाने के लिए अहम है वार्ता। 
  • क्रूड ऑयल समेत कई क्षेत्रों में हो सकते हैं समझौते।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान के बीच बातचीत के बाद दोनों देशों के बीच पांच समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इस दौरान पीएम मोदी ने पुलवामा हमले का जिक्र करते हुए कहा कि पुलवामा में हुए आतंकी हमले पर चर्चा हुई। सऊदी अरब और भारत आतंकवादी, कट्टरवाद पर एक जैसा विचार रखते हैं। उन्होंने कहा कि अतिवाद के खिलाफ सहयोग और इसके लिए एक मज़बूत कार्ययोजना की भी जरूरत है, ताकि हिंसा और आतंक की ताकतें हमारे युवाओं को गुमराह न कर सकें। मुझे खुशी है कि सऊदी अरब और भारत इस बारे में साझा विचार रखते हैं। हालांकि सऊदी अरब के प्रिंस ने पुलवामा का जिक्र तक नहीं किया।

इससे पहले राष्ट्रपति भवन में  सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान का औपचारिक स्वागत किया गया। राष्ट्रपति भवन में उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने प्रिंस सलमान का स्वागत किया। वह भारत के दो दिवसीय दौरे पर हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान का स्वागत करते हुए कहा कि उनकी यात्रा से दोनों देशों के संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने में मदद मिलेगी।

मंगलवार को सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान बिन अब्दुल अजीज के आगमन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रोटोकाल से अलग हटते हुए स्वयं उनकी आगवानी की। सऊदी अरब के प्रिंस भारत की पहली द्विपक्षीय यात्रा पर आए हैं।
सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने कहा कि वह भारत की यात्रा पर आकर बहुत प्रसन्न हैं। भारत और सऊदी प्रायद्वीप का रिश्ता काफी पुराना है जो 2000 वर्षो से भी पहले से शुरू होता है। उन्होंने कहा कि भारत और सऊदी प्रायद्वीप का रिश्ता हमारे डीएनए में बसा है।

सऊदी अरब के प्रिंस ने कहा कि भारत के लोग हमारे मित्र हैं और पिछले 70 वर्षों से सऊदी अरब को आगे बढ़ाने में योगदान दे रहे हैं। दो दिवसीय इस यात्रा के दौरान इस बात पर ध्यान होगा कि सऊदी अरब भारत के लिए किस प्रकार से काम कर सकता है। हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि दोनों देशों की खातिर हम इस संबंध को किस प्रकार बनाये रखेंगे और बेहतर बनाएंगे ।

इस यात्रा के दौरान पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का विषय एक प्रमुख मुद्दा रहेगा। साथ ही दोनों देश रक्षा संबंधों में बढ़ोतरी पर भी चर्चा करेंगे जिसमें संयुक्त नौसेना अभ्यास शामिल है।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि दक्षिण एशिया के दौरे की शुरुआत में रविवार को इस्लामाबाद पहुंचे सलमान सोमवार को सऊदी अरब लौट गए थे। भारत ने उनके पाकिस्तान से यहां के दौरे पर आने को लेकर आपत्ति जताई थी।

सऊदी अरब के शहजादे की भारत यात्रा से कुछ ही दिन पहले पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद ने सीआरपीएफ के काफिले पर आत्मघाती हमला किया था जिसमें 40 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे।
विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, सऊदी अरब के प्रिंस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर भारत आए हैं। भारत का यह उनका पहला सरकारी दौरा है।
उनका मुख्य कार्यक्रम 20 फरवरी को होगा। प्रधानमंत्री मोदी के साथ उनकी शिष्टमंडल स्तर की बैठक हैदराबाद हाऊस में होगी। प्रधानमंत्री द्वारा सऊदी अरब के प्रिंस के सम्मान में भोज दिया जाएगा। वह राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करेंगे।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी तथा प्रिंस सलमान के बीच बुधवार को होने वाली प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता में भारत पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी समूहों के मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाएगा।

विदेश मंत्रालय में आर्थिक मामलों के सचिव टी एस त्रिमूर्ति के अनुसार, सऊदी नेता के दौरे में दोनों पक्षों के बीच निवेश, पर्यटन, आवास और सूचना तथा प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में पांच समझौतों पर दस्तखत होने की उम्मीद है। इस दौरे से भारत-सऊदी द्विपक्षीय संबंधों में नए अध्याय की शुरुआत होगी।

वहीं, मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि सऊदी अरब ने पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की। हम सुरक्षा और आतंकवाद निरोधक मामलों में उनके सहयोग की सराहना करते हैं।
इसमें कहा गया है कि सऊदी अरब ने आतंकवाद से जुड़ी हमारी चिंताओं के प्रति गहरी समझ दिखाई है और उसने इस वैश्विक बुराई से निपटने में भारत के साथ मिलकर काम करने पर सहमति जताई है।

बयान में कहा गया है कि रक्षा क्षेत्र में दोनों देशों का सहयोग संबंधों का एक महत्वपूर्ण आयाम है। दोनों देश संयुक्त उत्पादन और संयुक्त अभ्यास खास तौर पर संयुक्त नौसेना अभ्यास की संभावना तलाश रहे हैं। इसमें कहा गया है कि दोनों देश मंत्रालय स्तर पर ‘सामरिक गठजोड़ परिषद’ स्थापित करने को अंतिम रूप दे रहे हैं जिससे सामरिक संबंधों को गति देने में मदद मिलेगी ।

भारत और सऊदी अरब का द्विपक्षीय कारोबार साल 2017-18 में 27.48 अरब डालर का रहा है। सऊदी अरब, भारत का चौथा सबसे बड़ा कारोबारी सहयोगी है। सऊदी अरब ऊर्जा सुरक्षा के क्षेत्र में भारत के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत है जो कच्चे तेल के संबंध में 17 प्रतिशत जरूरतों की आपूर्ति करता है।

दोनों देश खाद्य सुरक्षा, आधारभूत ढांचा, नवीकरणीय ऊर्जा, ऊर्वरक जैसे क्षेत्रों में संयुक्त गठजोड़ बढ़ाने को इच्छुक हैं।

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