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भारत समेत कोई भी देश ईरान से न खरीदे तेल : अमेरिका

वाशिंगटन : भारत और चीन समेत दुनिया के देशों को अमेरिका ने अपनी दादागीरी दिखाते हुए चेतावनी दी कि वह आगामी चार नवंबर तक ईरान से तेल खरीदना बंद करें। अन्यथा नए सिरे से अमेरिकी आर्थिक प्रतिबंधों का सामना करें। ट्रंप प्रशासन के इस फैसले का मकसद ईरान को आर्थिक मोर्चे पर एकदम अलग-थलग करना है। अमेरिका के इस एकतरफा फैसले से ईंधन की आवश्यकताओं की आपूर्ति में भारत के हित भी प्रभावित हो सकते हैं। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अफसर ने मंगलवार को यह चेतावनी जारी कर कहा उनकी वरिष्ठतम राष्ट्रीय सुरक्षा वरीयताओं में ईरान अहम है। इसलिए उस पर दबाव बनाया जा रहा है। एक संवाददाता ने जब पूछा कि अमेरिका क्या भारत और चीन जैसे अपने सहयोगी देशों पर भी नवंबर तक ईरान से तेल आयात पर रोक लगाएगा, तो जवाब में अमेरिकी मंत्रालय के अफसर ने कहा- हां। हम ईरान की फंडिंग के हर स्रोत को अलग-थलग कर देंगे, ताकि पूरे क्षेत्र में ईरान की खराब छवि उजागर हो। अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि मध्य-पूर्व के लिए अगले हफ्ते एक अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल रवाना होगा। यह प्रतिनिधिमंडल आगामी चार नवंबर से ईरान पर नए सिरे से प्रतिबंध लागू कर देगा। साथ ही यह सुनिश्चित करना चाहेगा कि खाड़ी देशों के तेल उत्पादक वैश्विक तेल आपूर्ति को सुनिश्चित करें। इस प्रतिनिधिमंडल को अभी ईरान से तेल आयात करने वाले सबसे बड़े देशों चीन और भारत से बातचीत करना बाकी है। अमेरिका चाहता है कि भारत और भारतीय कंपनियां ईरान से तेल खरीदना पूरी तरह से बंद कर दें। उल्लेखनीय है कि इसी साल मई में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि उनका प्रशासन ईरान और छह विश्व शक्तियों के बीच हुई समझौते से अलग हो रहे हैं। अमेरिका ने इस समझौते के तहत ईरान से कुछ प्रतिबंध हटाने के बदले उसकी परमाणु क्षमताओं को कम करने की शर्त रखी थी। अब समझौता तोड़ने से ईरान पर वापस कड़े प्रतिबंध चार नवंबर से लागू हो जाएंगे। इसलिए अमेरिका उसके बाद ही उससे तेल खरीदने वाले देशों पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाएगा। मंगलवार को अमेरिकी तेल के वायदा कारोबार में 2 डॉलर से अधिक का इजाफा हुआ है। लिहाजा, 25 मई से अब तक पहली बार 70 डॉलर प्रति बैरल की बढ़ोतरी हुई है। इस बीच, ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने अपने देशवासियों से कहा है कि सरकार अमेरिका के नए आर्थिक प्रतिबंधों का दबाव सहने में सक्षम हैं। वहीँ अमेरिका के ईरानी तेल आयातकों का तेल न खरीदने की शर्त से तेल आपूर्ति को लेकर संकट की स्थिति हो सकती है।

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