भारत से घबराया पाकिस्तान, अपने दूतावासों से ले रहा कश्मीर की पूरी जानकारी
भारत की धमकी और अंतरराष्ट्रीय दबाव से परेशान होकर पाकिस्तान अब खुद की जान बचाने के लिए तीन सूत्रीय योजना पर काम कर रहा है। पाकिस्तान विभिन्न देशों के दूतावासों के साथ संपर्क कर उन्हें यह बता रहा है कि भारत के कश्मीर में स्थिति कैसी है। वहां आतंकी हमले क्यों होते हैं। राजदूतों से कहा जा रहा है कि पुलवामा में उसका कोई हाथ नहीं है।
शनिवार को अमेरिकन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा यह बयान दिए जाने के बाद कि भारत पुलवामा हमले के बाद कुछ बड़ा कर सकता है, पाकिस्तान की घबराहट और ज्यादा बढ़ गई है। इमरान खान ने अपने विदेश मंत्री शाह मोहम्मद कुरैशी से कहा है कि वे राजदूतों के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय जनमत को बताएं कि पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन नहीं करता। वह शांतिप्रिय देश है और आतंकवाद में उसने भी कीमत चुकाई है।
पाकिस्तानी अधिकारी दूतावासों में जाकर बता रहे हैं कि पुलवामा के हमले में हमारा कोई हाथ नहीं है। मोदी सरकार ने इस हमले पर अभी तक पाकिस्तान के साथ कोई सबूत साझा नहीं किया है। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान इस हमले की जांच में भारत को सहयोग देने के लिए तैयार है। अपने देश में मौजूद राजदूतों के अलावा दूसरे राष्ट्रों में रह रहे सभी पाकिस्तानी राजदूतों से यह कहा जा रहा है कि वे संबंधित देशों को कश्मीर में मुसलमानों के साथ हो रहे बुरे व्यवहार के बारे में बताएं।
दूसरी रणनीति यह है कि पाकिस्तान अपने पड़ोसी देश के साथ बातचीत कर मामले को सुलझाना चाहता है। उसने बातचीत का विकल्प खुला रखा है। तीसरा, भारत की धमकी और अमेरिकन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान के बाद खुद को फंसा देख पाकिस्तान अब संसद सत्र बुलाने की तैयार कर रहा है। वह संसद को इस बात के लिए विश्वास में लेना चाहता है कि भारत थल, जल और वायु में कोई भी सैन्य कार्रवाई करता है तो हम उसका जवाब देंगे। मतलब साफ है कि पाकिस्तान को भारत की कार्रवाई का भय साफ दिखाई दे रहा है।
इस बाबत सैन्य विशेषज्ञ जीडी बख्शी का कहना है कि पाकिस्तान के खिलाफ कठोर कार्रवाई होनी चाहिए। चूंकि इस बार संयुक्त राष्ट्र संघ और अंतरराष्ट्रीय समुदाय में भी पाकिस्तान की पोल खुल चुकी है, इसलिए वह दूतावासों के माध्यम से अपने झूठ पर पर्दा डालने का प्रयास कर रहा है।