भारी पड़ सकता है PAK का चीन प्रेम, अब इस पैकेज पर लटकी तलवार
आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान और चीन के मधुर रिश्ते जगजाहिर हैं लेकिन इस दोस्ती का नुकसान पाकिस्तान को उठाना पड़ता है. इस दोस्ती के चक्कर में पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) की ओर से मिलने वाले राहत पैकेज पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं.
दरअसल, अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने पाकिस्तान को राहत पैकेज देने से पहले गारंटी की मांग की है.अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने कहा है कि पाकिस्तान राहत पैकेज की राशि का इस्तेमाल चीन को कर्ज की किश्तें चुकाने में नहीं करेगा. एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार आईएमएफ ने पाकिस्तान से चीन-पाकिस्तान आर्थिक गालियारे (सीपीईसी) की जानकारी मांगी है. आईएमएफ के इस कदम से पाकिस्तान को मिलने वाले कर्ज में देरी होने की आशंका है.
पाकिस्तान के अखबार डॉन ने कहा कि राहत पैकेज को अंतिम रूप देने के लिये यहां आने वाले आईएमएफ दल के आने की योजना टल सकती है. दोनों पक्ष कॉन्ट्रैक्ट की अंतिम शर्तों पर गहन चर्चा कर रहे हैं. सूत्रों ने कहा, ‘‘अब आईएमएफ का दल अप्रैल के बजाय मई में यहां आ सकता है. ’’इससे पहले पाकिस्तान के वित्त मंत्री असद उमर ने इस महीने कहा था कि आईएमएफ का एक दल विश्वबैंक के साथ ग्रीष्मकालीन बैठक के तुरंत बाद यहां आने वाला है. उन्होंने कहा था कि अप्रैल महीने के अंत राहत पैकेज पर हस्ताक्षर हो जाएंगे.
बता दें कि हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और वर्ल्ड बैंक ने दुनियाभर की सरकारों को कर्ज की शर्तों को लेकर ज्यादा पारदर्शिता बरतने के लिए कहा है. दोनों संस्थाओं ने सभी सरकारों को कर्ज पर बहुत ज्यादा निर्भरता को लेकर भी आगाह किया.
वर्ल्ड बैंक के नव-नियुक्त अध्यक्ष डेविड मलपास ने चेतावनी दी है कि 17 अफ्रीकी देश पहले से ही कर्ज संकट से जूझ रहे हैं और ऐसे देशों की संख्या में बढ़ोतरी हो रहा है क्योंकि कर्ज लेने के लिए पारदर्शिता नहीं बरती जा रही. गौरतलब है कि सेंटर फॉर ग्लोबल डिवेलपमेंट रिसर्च ने एक रिपोर्ट जारी कर बताया था कि दुनिया के आठ देश चीन से लिए गए कर्ज के संकट में फंसकर बर्बाद हो सकते हैं. इन आठ देशों में तजाकिस्तान, जिबूती, मोंटेनेग्रो, किरगिस्तान, मंगोलिया, लाओस समेत मालदीव और पाकिस्तानका नाम प्रमुखता से लिया गया था.