भारी बारिश के कारण ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे मंगलवार सुबह मलबा आने से बंद हो गया। सोमवार देर शाम को ही हाईवे कई घंटे बंद रहने के बाद खुला था। वहीं चंपावत-टनकपुर हाईवे पर भी चल्थी के पास टिपन टॉप पर भारी मलबा आ गया। बदरीनाथ हाइवे पर नीम बीच में तपोवन से 300 मीटर आगे सुबह साढ़े 6 बजे भूस्खलन से यातायात बाधित हुआ था। 9:30 पर रास्ता खोल दिया गया था। लेकिल शिवपुरी से 200 मीटर आगे कलतरी में भूस्खलन से फिर हाईवे बंद हो गया। मलबा हटाने का काम जारी है। एनएच के अधिशासी अभियंता मृत्युंजय शर्मा ने बताया कि बारिश के कारण मंगलवार सुबह 8 बजे भूस्खलन हुआ है। मलबा हटवाने का कार्य जारी है।
उधर, नैनीताल में भवाली-अल्मोड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग में पाड़ली की पहाड़ी से सुबह 6.30 बजे पत्थरों का मलबा गिरने से रास्ता बंद हो गया। इसके चलते घंटों तक मार्ग बाधित रहा। इस वजह से सड़क के दोनों तरफ वाहनों की लंबी लाइन लग गई। पुलिस किसी तरह एक-एक कर वाहनों को निकालने में जुटी है।
पूरे प्रदेश में आज भी भारी बारिश की संभावना
पिथौरागढ़ समेत गढ़वाल और कुमाऊं के कई इलाकों में देर रात से भारी बारिश हो रही है। इसके चलते हाईवे पर भूस्खलन का भी खतरा बना हुआ है। वहीं मौसम विभाग ने आज पूरे प्रदेश में भारी बारिश की संभावना जताई है। इलाकों में गरज और चमक के साथ हल्की बारिश होने का अनुमान है। मौसम केंद्र निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि राजधानी दून में भी बादल छाए रहने के आसार हैं।
चार दिन बाद खुली पिथौरागढ़ जिले की लाइफ लाइन
पहाड़ी कटिंग के लिए 11 जुलाई की सुबह बंद की गई पिथौरागढ़-घाट सड़क पर 84 घंटे बाद वाहनों की आवाजाही शुरू हो गई है। एनएच पर यातायात सुचारु होने से सीमांत के लोगों ने राहत महसूस की है।
एनएच के बंद होने से पिथौरागढ़ के लोगों को थल-बेड़ीनाग रूट से 73 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय कर हल्द्वानी पहुंचना पड़ रहा था। सड़क को 14 जुलाई की सुबह नौ बजे खोलने का दावा किया गया था, लेकिन 13 जुलाई की शाम को कटिंग के दौरान पहाड़ी से सड़क पर मलबा और बोल्डर आ गए। इससे सड़क को खोलने में 12 घंटे अतिरिक्त लग गए। रविवार की रात नौ बजे के बाद वाहनों की आवाजाही शुरू हो सकी।