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भूमिहारों-ब्राह्मणों को भी जमीन देगी नीतीश सरकार

Nitish-kumar1पटना. बिहार अगड़ा बनाम पिछड़ा नारे के दम पर सत्‍ता पाने वाली नीतीश सरकार ऊंची जाति के गरीब तबके को भी साधने की राजनीति में जुट गई है. नीतीश सरकार भूमिहार, ब्राह्मण, राजपूत आदि सभी ऊंची जाति के गरीब लोगों को भी जमीन देगी.

विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद तक राजद अध्‍यक्ष लालू प्रसाद यादव ने ऊंची जाति के लोगों के प्रति अपना नकारात्‍मक रुख जाहिर किया था. उन्‍होंने महागठबंधन को वोट नहीं देने वाले ऊंची जाति के लोगों को आगे से अपनी भूल सुधारने तक की नसीहत दे दी थी. अब नीतीश कुमार की अगुवाई में बनी सरकार ऊंची जाति के गरीब लोगों को जमीन देकर उन्‍हें अपने पाले में करने का दांव खेला है.

तीन डिसमिल जमीन देगी सरकार

बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ. मदन मोहन झा ने बताया कि भूमिहीन लोगों को जमीन आवंटन में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जाएगा. उन्‍होंने कहा ‘भूमिहीन चाहे भूमिहार या ब्राह्मण हो, चाहे कोई दलित जमीन सबको दिया जाएगा.’

सरकारी या गैर-मजरुआ जमीन की उपलब्ध नहीं होने पर बाजार दर पर जमीन खरीद कर मुहैया कराई जाएगी.

उन्होंने कहा कि बेहतर फरफार्मेस के लिए भू-दान यज्ञ समिति को दो महीने की मोहलत दी जा रही है. परिणाम सुखद नहीं रहने पर समिति भंग कर दी जाएगी.

रविवार को कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय (सदाकत आश्रम) में आयोजित ‘जनता के दरबार में मंत्री’ कार्यक्रम के दौरान मंत्री ने कहा कि बिहार में भूमिहीनों की संख्या बहुत है. समस्या के समाधान के लिए भू-दान से मिली जमीन का वितरण भूमिहीन परिवारों के बीच किया जा रहा है.

विभाग का आकलन है कि जमीन मुहैया कराए जाने के बावजूद बड़ी संख्या में लोगों का आज भी जमीन पर कब्जा नहीं हो पाया है. इसके लिए भू-दान यज्ञ समिति को निर्देश दिया गया है.

समिति ने पूर्णिया, हाजीपुर और गया में बड़ी संख्या में परिवार चिह्नित किए गए हैं और जमीन भी. सरकार प्रयास कर रही है कि दो महीने के अंदर जरूरतमंदों के बीच जमीन का वितरण कर दिया जाए. आवश्यकता पड़ी तो इस कार्य को पूरा करने के लिए अभियान भी चलाया जाएगा.

भू-दान में मिली जमीन के वितरण के लिए गठित की गई भू-दान यज्ञ समिति के कार्यकलाप से जुड़े प्रश्न पर मंत्री ने कहा कि दो माह की मोहलत दी गई है, यदि उसके बाद भी समिति अपने दायित्व का निर्वहन सही प्रकार से नहीं कर पाई तो उसे भंग करने के लिए मुख्यमंत्री से अनुशंसा की जाएगी.

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