मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बृहस्पतिवार को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के लिए टी-स्टेट की भूमि लेने के मामले में चुप्पी तोड़ी। उन्होंने साफ कहा कि सभी मजदूरों का पुनर्वास किए बिना काम शुरू नहीं किया जाएगा। पहले ही अधिकारियों को निर्देशित किया जा चुका है। सीएम ने यह भी कहा कि वे इस मामले में किसी से लड़ना नहीं चाहते।
बता दें कि देहरादून में प्रस्तावित स्मार्ट सिटी के लिए चाय बागान की जमीन अधिग्रहीत करने के सरकार के निर्णय का विरोध भी हो रहा है। विशेषकर वहां काम करने वाले मजदूरों के भविष्य पर चिंता जताई जा रही है।
हालांकि, स्मार्ट सिटी के नोडल अधिकारी आर मीनाक्षी सुंदरम पहले ही मजदूरों को आवास और रोजगार की गारंटी देने का दावा कर चुके हैं। बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री ने भी इस मामले में चुप्पी तोड़ी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दून के लोग चाहेंगे तो स्मार्ट सिटी बनेगी और नहीं चाहेंगे तो नहीं बनेगी। लोग बताएं कि उन्हें स्मार्ट दून चाहिए या नहीं। उन्होंने कहा कि जमीन अधिग्रहण से पहले सभी विवाद शांत होने आवश्यक हैं।
लोक चेतना मंच ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट से आम लोगों को जोड़ने और आधुनिक प्रचार तंत्र का सहारा लेने की मांग की है। उन्होंने एमडीडीए उपाध्यक्ष आर मीनाक्षी सुंदरम को पत्र भेजकर 100 फीसदी जनसहभागिता सुनिश्चित करने की मांग की है। उन्होंने अन्य संगठनों से भी सहयोग लेने की अपील की। उन्होंने कहा कि इसके जरिए योजना में अधिक से अधिक लोगों को जोड़ा जा सकेगा।