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भूमि अधिग्रहण बिल पर अन्ना को मिला सोनिया का साथ!

anna-soniaनई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जमीन अधिग्रहण विधेयक के खिलाफ आंदोलन चला रहे अन्ना हजारे को आश्वासन दिया है कि उनकी पार्टी हर मंच पर इस विधेयक का विरोध करेगी और किसानों के हितों से जुड़े इस मुद्दे पर उनकी लड़ाई जारी रहेगी। कांग्रेस अध्यक्ष ने हजारे के पत्र के जबाब में उन्हें यह आश्वासन दिया है। हजारे ने अपने पत्र में गांधी से आग्रह किया है कि राज्य सभा में उनकी पार्टी इस विधेयक का पुरजोर विरोध करे ताकि किसान विरोधी यह विधेयक किसी भी कीमत में पारित नहीं हो सके। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष को लोक सभा में इस विधेयक का विरोध करने पर धन्यवाद दिया और कहा कि उनके साथ साथ सम्पूर्ण विपक्ष ने इसकी खिलाफत की लेकिन सरकार ने बहुमत के बल पर उसे पारित करा लिया। उन्होने गांधी से कहा कि किसानों का हित एक महत्वपूर्ण मुद्दा है और इस पर सरकार को अपना फैसला बदलने के लिये मजबूर किया जाना चाहिए। गांधी ने अपने पत्र में कहा ‘ मैं आपके विचारों से सहमत हूं कि राजग सरकार द्वारा लाया गया अध्यादेश और उसके बाद पेश किया गया विधेयक किसानों के हित में बिल्कुल नहीं है ।’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस हर मंच पर इसका कड़ा विरोध करेगी । इसी कड़ी में 14 राजनीतिक दलों की तरफ से राष्ट्रपति को कल ज्ञापन देकर उनसे इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की गयी है ।उन्होंने कहा ‘मैं आपको विश्वास दिलाना चाहती हूं कि इस मुद्दे पर हमारी लड़ायी जारी रहेगी ।’

हजारे ने गांधी को लिखे पत्र में कहा कि लंबे संघर्ष के बाद 2013 में संसद ने भूमि अर्जन, पुनर्वास और पुनव्र्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिकार विधेयक पारित किया। इससे अंग्रेजों के अन्यायपूर्ण कानून से मुक्ति मिली और किसानों को कुछ हद तक राहत मिल गई। उन्होंने कहा कि पिछले आम चुनाव में भाजपा पूर्ण बहुमत से सत्ता में आई। चुनाव के दौरान भाजपा ने जनता के साथ अच्छे दिन के वादे किए थे। इसलिए लोगों को नई सरकार से बडी उम्मीद थी लेकिन सत्ता में आने के बाद अच्छे दिन के वादे निभाने के बजाय सरकार ने किसानों पर अन्याय करनेवाला भूमि अधिग्रहण अध्यादेश 31 दिसंबर 2014 को लागू कर दिया जबकि ऐसा अध्यादेश लाने की बिलकूल जरूरत नहीं थी क्योंकि 2013 के कानून में कई मुद्दे किसानों के हित में थे। उसके बाद 24 फरवरी को लोकसभा में भूमि अर्जन, पुनर्वास और पुनव्र्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिकार (संशोधन) विधेयक 2015 के नाम से संशोधित विधेयक लाया गया।

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