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भूमि अध्रिग्रहण अध्यादेश लाने से पहले सरकार को चर्चा करनी चाहिए थी: कांग्रेस

Soniaनई दिल्ली : कांग्रेस ने भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक पर केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की खुली बहस की चुनौती को खारिज कर दिया है। पार्टी की दलील है कि सरकार को भूमि अधिग्रहण संशोधन अध्यादेश जारी करने से पहले राजनीतिक दलों के साथ इस तरह की चर्चा करनी चाहिए थी। पार्टी ने नितिन गडकरी के इस दावे पर भी सवाल उठाए है कि उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक के मुद्दे पर पत्र लिखा है। कांग्रेस प्रवक्ता अजय कुमार ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष को अभी तक इस संबंध में नितिन गडकरी का कोई पत्र नहीं मिला है। अजय कुमार ने कहा कि सरकार इस तरह बातें कर किसानों को गुमराह कर रही है। उन्होंने कहा कि 2013 में भाजपा ने भूमि अधिग्रहण विधेयक का समर्थन किया था। पर सत्ता में आने के छह माह के अंदर उसकी आत्मा को निकालकर अध्यादेश जारी कर दिया। कांग्रेस संशोधन विधेयक के खिलाफ है।
कांग्रेस का कहना है कि एनडीए सरकार भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक पर चर्चा के लिए तैयार थी, तो सरकार ने लोकसभा में विधेयक पारित क्यों कराया। जबकि इस मुद्दे पर पूरे देश में आंदोलन हो रहे हैं। पार्टी ने ग्रामीण विकास मंत्री के इस मुद्दे पर चुप रहने और गडकरी के बोलने पर भी सवाल उठाए हैं। पार्टी प्रवक्ता अजय कुमार ने कहा कि सरकार और भाजपा इस मुद्दे को लेकर वाकई गंभीर है, तो पहले उन्हें भूमि अधिग्रहण संशोधन अध्यादेश को वापस लेना चाहिए और किसानों से माफी मांगनी चाहिए। कांग्रेस को कहना है कि सरकार को 2013 में पारित कानून को बरकरार रखना चाहिए। केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सहित सभी विपक्षी दलों के नेताओं व समाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे को पत्र लिखा है। इस पत्र में दावा किया है कि संशोधन विधेयक पूरी तरह ग्रामीणों, खेतीहर मजदूर और किसानों के हित में है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दलों को संशोधन विधेयक पर राजनीति कर रहे हैं।

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