पराई स्त्री
पराई स्त्री के संबंध में हमारे पुराणों में कथा मिलती है जिसके अनुसार कभी भी पराई स्त्रियों पर बुरी नजर नहीं रखना चाहिए। कथा के अनुसार राक्षस कम्भा को शिव जी से वरदान मिला था जिसके चलते इंद्र को हराकर उनका सिंहासन छीन लिया था। परेशान होकर इंद्र दत्तात्रेय के पास पहुंचे तब उन्होंने राक्षस कम्भा को अपने पास बुलाया।
जब राक्षस कम्भा वहां पहुंचा तो देवी लक्ष्मी वहां पर विराजमान थीं। कम्भा ने देवी लक्ष्मी पर मोहित होकर उनको कैद में कर लिया। इसके बाद विष्णु ने इंद्र को आदेश दिया कि राक्षस को मारकर देवी लक्ष्मी कोस वापस लाएं। तब राक्षस कम्भा ने शिवजी के वरदान की बात कही। इस बार भगवान विष्णु ने कहा कि जो भी पराई स्त्री का अपमान करता है उसका सारा पुण्य काम नष्ट हो जाता है। पराई स्त्री पर बुरी नजर रखने वाला पाप का भागी होता है।
विधवा स्त्री
जैसे पराई स्त्री पर बुरी नजर डालने वाला व्यक्ति पाप का भागी होता है उसी प्रकार विधवा स्त्री पर गंदी नजर रखने वाला व्यक्ति पाप का भागी बनता है। ऐसे व्यक्ति को हर जगह नाकामयाबियों का सामना करना पड़ता है इसलिए भूलकर भी किसी विधवा स्त्री पर बुरी नजर नहीं डालनी चाहिए।