भौतिक सुखों में होगा इजाफा, अप्रिय घटनाओं की भी आशंका
विनायक बड़ोदिया, भोपाल। बारिश का मौसम खत्म होने के साथ ही अंतरिक्ष में ग्रह दर्शन और उनसे जुड़ी गतिविधियों का दौर शुरू हो चुका है। क्षितिज पर तेज चमकता तारा आकर्षण का केंद्र है।
यह तारा सौरमंडलका दूसरा ग्रह शुक्र (वीनस) है। दरअसल, सितंबर के अंतिम दिनों में शुक्र का उदयकाल होता है। रोज सूर्यास्त और सूर्योदय के समय दिखने वाले शुक्र को लेकर कई तरह के कयास लगाए जाते हैं।
वैज्ञानिकों के लिए शुक्र अब भी एक पहेली बना हुआ है। यह ग्रह काफी गर्म और सूर्य के नजदीक है। साइंस स्टूडेंट्स और स्पेसलवर्स टेलिस्कोप की मदद से शुक्र के दर्शन कर रहे हैं।
रीजनल साइंस सेंटर में होगा लाइव शो
शुक्र को देखने के लिए रीजनल साइंस सेंटर में विशेष तैयारियां की जा रही हैं। सेंटर के प्रोजेक्ट को-ऑर्डिनेटर ने बताया कि हमने स्टूडेंट्स को शुक्र को नजदीक से दिखाने की खास तैयारी की है।
शुक्र सूर्यास्त के समयसे दिखाई देने लगाहै। सेंटर में शनिवार (एक अक्टूबर) को शाम 6 बजे लाइव शो का आयोजन किया जाएगा। इसमें एक्सपर्ट बड़े लैंस के टेलिस्कोप की मदद से शुक्र की दशा दिखाएंगे।
डिजिटल स्क्रीन पर शुक्र की इमेज भी दिखाई जाएगी। साथ ही प्रतिभागियों को शुक्र के बारे में रोचक जानकारियां भी दी जाएंगी। बता दें कि सौरमंडल में शुक्र पृथ्वी का सबसे करीबी ग्रह है। ठंड के मौसम से पहले यह एशियाई देशों में साफ-साफ नजर आता है। साइंससेंटर में टेलीस्कोप और प्रोजेक्शन मैथड के जरिए शुक्र की छवियां दिखाई जाएंगी।
7 अक्टूबर से दिखेगा गुरु
खगोलविदों का मानना है कि शुक्र का दिखना एक सामान्य घटना है। बारिश के जाते ही यह पूर्व दिशा में दिखता है। इसे सूर्यास्त के बाद 45 मिनट तक देखा जा सकता है। 7 अक्टूबर से पूर्व दिशा में क्षितिज पर गुरु भी दिखाई देगा। यह सौरमंडल का पांचवां व सबसे बड़ा ग्रह है। इसमें 317 पृथ्वी समा सकती हैं।
सेलेस्ट्रॉन लैंस से दिखेगा
साइंस सेंटर के, को-ऑर्डिनेटर प्रबल रॉय बताते हैं, ‘आरएससी में लाइव शो के दौरान स्पेस लवर्स को सेलेस्ट्रॉन लैंस टेलीस्कोप की मदद से शुक्र के दर्शन कराए जाएंगे। इसे नजदीक से देखना काफी रोचक होगा। अंतरिक्ष में शुक्र व गुरु ग्रह दिखने से हम पर कई प्रभाव पड़ेंगे।’
हम पर क्या असर होगा
वहीं, ज्योतिषाचार्य पंडित विनोद गौतम बताते हैं, ‘शुक्र का अंतरिक्ष में नजर आने से सिनेमा क्षेत्र में बूम आ सकता है। खरीद-फरोख्त बढ़ेगी। हमारे भौतिक सुखों में बढ़ोतरी होने के प्रबल आसार हैं। शुक्र राक्षसों का गुरु भी है, इसलिए आंतकी और अप्रिय घटनाएं होने की भी आशंकाएं हैं।’
शुक्र से जुड़े रोचक तथ्य
– इसे मॉर्निंग और ईवनिंग स्टार भी कहते हैं।
– इस ग्रह का एक साल 225 दिनों के बराबर है।
– अधिकांश ग्रह घड़ी की सुई के विपरित दिशा में घूमते हैं, जबकि शुक्र क्लॉक वाइज घूमता है।
– सतह का तापमान 462 डिग्री सेंटीग्रेड है।
– इसमें 96.5 प्रतिशत सीओटू गैस होतीहै।