मंदसौर मामले पर एकजुट होकर टिप्पणी कर रहा है विपक्ष
नई दिल्ली : गरीबों, दलितों और अल्पसंख्यकों के मुद्दे पर मोदी सरकार पर निशाना साधने वाले विपक्ष को मंदसौर में किसान आंदोलन में गोलीबारी से 6 किसानों की मौत की घटना ने मानो एक नया मुद्दा तश्तरी में पेश कर दिया है. ऐसे में विपक्ष के एकजुट होकर एमपी की शिवराज सरकार के साथ मोदी सरकार को भी घेरने की सम्भावना से इंकार नहीं किया जा सकता. इस घटना के बाद विपक्षी दलों में आपसी संपर्क जारी है. इस मुद्दे को लेकर विपक्ष कोई आंदोलन कर सकता है. विपक्ष के कुछ नेता भी मंदसौर जाने का विचार कर रहे हैं. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के अलावा जेडीयू नेता शरद यादव के भी मंदसौर जाने की चर्चा है.
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बता दें कि मंदसौर की घटना को भुनाने के लिए विपक्ष के कई बड़े नेता यहां आने के इच्छुक हैं. पता ही है कि यादव खुद मध्य प्रदेश से आते हैं. इस बारे में यादव ने कहा कि उनकी बुधवार को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात हुई. हम दोनों साथ जाने की योजना बना रहे हैं. जबकि वहीं सीपीएम के नेता सीताराम येचुरी ने संकेत दिया कि उनकी पार्टी से भी कोई नेता घटनास्थल पर जा सकता है. इससे इतना तो तय है कि मंदसौर मुद्दे को विपक्ष लम्बे अर्से तक चलाए रखने के मूड में है.इस कारण एमपी की शिवराज सरकार भी तनाव में रहेगी.
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गौरतलब है कि जिस राष्ट्रपति चुनाव को लेकर समूचा विपक्ष एकजुट हुआ, वहीं मंदसौर में किसानों पर हुई गोलीबारी की घटना से पीछे चला गया लगता है.इसकी पुष्टि ऐसे हो रही है कि बुधवार को सीताराम येचुरी एनसीपी प्रमुख शरद पवार से राष्ट्रपति चुनावों को लेकर बात करने गए थे.बताया जा रहा है कि जब येचुरी ने राष्ट्रपति चुनाव का मुद्दे छेड़ा तो पवार ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव तो अपनी जगह है, लेकिन फिलहाल उससे बड़ा मसला किसानों का बन गया है. इस पर ध्यान देना होगा. एकजुट विपक्ष ने अब इस गर्मागर्म मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी कर ली है.