मजदूरों को एक हजार रुपये की पेंशन देगी सरकार
श्रम विभाग मजदूरों के कल्याण के लिए कई योजनाएं चला रहा है। इनका लाभ भवन एवं सन्निर्माण कल्याण बोर्ड में पंजीकृत मजदूरों को मिलता है। छह माह से पंजीकृत सभी श्रमिकों को साइकिलें दी जा रही हैं। मातृत्व एवं शिशु हित लाभ योजनाएं भी चल रही हैं।
निर्माण कामगारों की मृत्यु पर एकमुश्त पांच लाख रुपये की मदद की व्यवस्था है। लड़की पैदा होने पर उसके नाम पर 20 हजार रुपये की एफडी के साथ ही पुत्री के विवाह के लिए 40 हजार और एक बार आवास बनाने के लिए एक लाख रुपये की मदद दी जा रही है।
मेधावी छात्र पुरस्कार व गंभीर बीमारी के इलाज के लिएसहायता समेत करीब डेढ़ दर्जन योजनाएं संचालित की जा रही हैं। पेंशन योजना लंबे समय से प्रस्तावित है। अब इसे अमली रूप दिया जाएगा।
सौर ऊर्जा सहायता योजना के तहत श्रमिकों के घरों में रोशनी के लिए सोलर लालटेन दी जा रही थी। अब उन्हें एक पंखा भी दिया जाएगा। अगले शिक्षा सत्र से श्रमिकों के बच्चों के लिए कुछ और आवासीय विद्यालय शुरू कराए जाएंगे।
बंद हो चुकी है पालना गृह योजना
मजदूरों के छह साल तक के बच्चों की देखभाल के लिए पालना गृह योजना शुरू की गई थी। इसे चलाने की जिम्मेदारी एनजीओ को सौंपी गई थी। श्रम मंत्री का पद संभालते ही शाहिद मंजूर ने गड़बड़ी की शिकायतें मिलने पर इसे बंद करने के निर्देश दिए थे।
उन्होंने योजना के संचालन में हुई अनियमितताओं की जांच के आदेश भी दिए थे। गड़बड़ी की जांच के लिए अदालत में दाखिल की गई याचिका अभी विचाराधीन है। विभाग इस योजना को भी नए रूप में पारदर्शी तरीके से लागू करने पर विचार कर रहा है।