नई दिल्ली : मणिपुर में गुरुवार सुबह उग्रवादियों ने घात लगाकर सेना के काफिले पर हमला कर दिया। इसमें 18 जवान शहीद हो गए और 11 घायल हुए हैं। रॉकेट चालित ग्रेनेड और स्वचालित हथियारों से जवानों पर धावा बोला गया। सेना के एक प्रवक्ता ने यह जानकारी दी। करीब दो दशक का यह सबसे भयावह हमला था। किसी भी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। सेना व प्रशासनिक अफसरों ने हमले में उग्रवादी संगठन पीएलए और केवाईकेएल के शामिल होने का संदेह जताया है। गश्त के दौरान निशाना बनाया: एक पुलिस अधिकारी ने इंफाल में बताया कि छह डोगरा रेजिमेंट का एक दल इंफाल से लगभग 80 किलोमीटर दूर तेंगनोपाल-न्यू समतल रोड पर नियमित गश्ती पर था। सुबह नौ बजे जब यह दल पारालोंग और चारोंग गांव के बीच पहुंचा तभी घात लगाए बैठे उग्रवादियों ने हमला कर दिया। पुलिस ने बताया कि एक संदिग्ध उग्रवादी भी मारा गया है। उग्रवादियों को पकड़ने के लिए सुरक्षाबलों की एक टीम घटनास्थल को रवाना हो गई है। दिल्ली में सेना के सूत्रों ने बताया कि आईईडी विस्फोट के बाद उग्रवादियों ने सेना के चार वाहनों के काफिले पर भारी गोलीबारी शुरू कर दी। घायलों को उपचार के लिए हवाई मार्ग से नगालैंड के दीमापुर ले जाया गया।