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मथुरा में जन्माष्टमी पर उमड़ी लाखों श्रद्धालुओं की भीड़, लगेंगें 11000 किलो प्रसाद के भोग

kresnaदिल्‍ली: देशभर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाई जा रही है। कृष्ण की जन्मभूमि मथुरा में श्रद्धालुओं का लगा मेला है और यहां कृष्‍ण मंदिरों में खूब रौनक देखने को मिल रही है। कृष्ण जन्मभूमि पर विदेश से भी लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी है। प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए हैं। कृष्ण जन्म स्थान के अलावा बिहारीजी, द्वारकाधीश और अन्य सभी मन्दिरों में जन्‍माष्‍टमी का भव्य आयोजन किया गया है। वहीं, देश में अन्‍य जगहों पर भी मंदिरों में धूमधाम से जन्‍माष्‍टमी मनाई जा रही है।मंदिरों को खूबसूरती से सजाया गया है। महाराष्‍ट्र में भी त्‍यौहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। जगह-जगह दही हांडी कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। आज गोविंदाओं की टोली दही हांडी को फोड़ेगी। श्री कृष्णजन्माष्टमी भगवान श्री कृष्ण का जनमोत्स्व है। हर साल की तरह इस बार भी कान्हा का जन्मदिन मनाने के लिए भक्तों ने यहा डेरा डाल रखा है। ठाकुरजी के दर्शन के लिए यहां सुबह से ही श्रद्धालुओं की लंबी लाइनें लगी हुई हैं। कृष्ण नगरी की हर गली, मोहल्ले में भक्तों का जमावड़ा है। ठाकुरजी को आज 11 हजार किलो का भोग लगाया गया है।रामजन्म भूमि न्यास के अध्यक्ष गोपालदास महाराज ने की आरती-श्रीकृष्‍ण जन्‍मभूमि के लीलामंच पर पुष्‍पांजलि कार्यक्रम की शुरुआत अयोध्‍या के राम जन्‍मभूमि न्‍यास के अध्‍यक्ष बाबा नृत्‍य गोपालदास महाराज के हाथों हुई। इस उन्होंने गुरु शरणानंद महाराज के साथ ठाकुरजी की आरती की। पुष्पांजलि कार्यक्रम में मथुरा की सांसद हेमा मालिनी भी आ सकती हैं। मंदिर में सुबह से ही हो रहा है लीलाओं का मंचन-मंदिर में सुबह से ही लगातार कृष्‍ण लीलाओं का मंचन हो रहा है। लोग भक्ति भावना में डूबे हुए हैं। सुबह पांच बजे मंगला आरती के बाद से ही भगवान कृष्‍ण के दर्शन शुरू हो गए हैं। भागवत भवन की ओर जाने के लिए हर कोई कोशिश में लगा हुआ है। ऐसे में भीड़ भी बढ़ती जा रही है। ठाकुरजी के भोग के लिए 11 हजार किलो का प्रसाद-श्रीकृष्‍ण जन्‍मस्‍थान में ठाकुरजी के भोग के लिए 11 हजार किलो प्रसाद तैयार कराया गया है। सुबह की पूजा और आरती के बाद भक्तों को ये प्रसाद बांटा जाएगा। प्रसाद वितरण रात आठ बजे तक चलेगा। भजन-कीर्तन में जुटे लोग-यहां का हर दृश्य मनमोहक है। रोशनी में सराबोर जन्मभूमि पर बिताने वाले हर पल को लोग अपने जेहन में कैद कर लेना चाहते हैं। रातभर लोग भजन-कीर्तन में जुटे रहे। शुक्रवार शाम को ही कॉलोनियों और अन्य स्थानों पर बहुत से लोगों ने बिस्तर बिछा लिए थे। ईंटों की सहायता से महिलाएं चूल्हे तैयार कर रोटियां पकाने में जुट गईं, तो ब्रजवासियों ने भी उनके लिए पानी, लकड़ी आदि की व्यवस्था कर दी। सुबह से ही जगह-जगह भंडारे शुरू हो गए। ब्रजवासी कान्हा के जन्मदिन के दिन किसी भी आए हुए मेहमान को भूखे नहीं जाने देना चाहते। इसी कारण भंडारे पर कर लगने के बावजूद भंडारों के आयोजन में कोई कमी दिखाई नहीं दे रही है उत्सव में डूबा ब्रज-जन्मभूमि पर आज शाम को पैर रखने की जगह नहीं मिलेगी। तैयारी में जो भी खामियां रह गई हैं, उन्हें दुरुस्त किया जा रहा है। ब्रज कान्हा के जन्मदिन के उल्लास में डूब गया है। ब्रज में अब जन्माष्टमी और राधे-राधे के आलावा कोई और बात नहीं।

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