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मदद नहीं मिलने पर गोद में ही घर ले जाना पड़ा मासूम बेटी का शव

shahdol-daughter-ded-bodyरीवा. मध्य प्रदेश शहडोल में बेटी के शव को बाइक पर 100 किलोमीटर दूर घर ले जाने का मामला सामने आने के बाद अब जिले में एक और पिता को अपनी मासूम बेटी की लाश गोदी में ले जाने की पीड़ा सहनी पड़ी.

शहडोल जिला अस्पताल में एक बार फिर अस्पताल प्रशासन का अमानवीय चेहरा सामने आया है. बुखार से पीड़ित मासूम ऊषा की इलाज के दौरान मौत हो गई. जिसके बाद पिता जगत सिंह अस्पताल में ही बेटी की लाश लेकर शव वाहन के लिए गुहार लगाता फिरता रहा, लेकिन किसी भी कर्मचारी के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी.

हार कर बेबस पिता अपनी बेटी के शव को गोदी में लेकर पैदल ही घर की ओर निकल गया. रास्ते में एक परिचित का ऑटोवाला मिला तो उसने जगत सिंह को 30 किलोमीटर दूर उनके घर बिना किसी किराए के छोड़ा.

हैरानी की बात ये है कि शव बाइक पर ले जाने के मामले में शव वाहन नहीं होने की बात का बहाना बनाने वाले जिला अस्पताल के पास अब एक नहीं बल्कि पांच शव वाहन भी हैं, बावजूद इसके इस बेबस पिता को वाहन उपलब्ध नहीं कराया गया. ऐसे में अस्पताल में शव वाहनों की मौजूदगी भी व्यर्थ ही साबित हो रही है.

 

 

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