स्वास्थ्य

मधुमेह है तो अपनी लाइफस्टाइल में करें बदलाव और इन चीजों से रहें कोसो दूर

अनियमित जीवन शैली के चलते तेजी से लोग डायबिटीज जैसी बीमारी की गिरफ्त में आ रहे हैं। अगर इसे नियंत्रित न किया जाए तो ये हमारे शरीर में अन्य बीमारियों को भी निमंत्रण देती है। पहले ये बीमारी अधिकतर 40-50 साल की उम्र के बाद ही देखी जाती थी, परंतु आज ये बच्चों में भी आम होती जा रही है। मधुमेह न हो या हो जाए तो कैसा हो हमारा आहार बता रही हैं केजीएमयू की डायटिशियन डॉ. दीपिका अग्रवाल।

ध्यान रखें इन बदलावों का
जब ज्यादा प्यास लगे, आंखों की रोशनी कम होेने लगे। किसी चोट का जख्म भरने में अधिक समय लगे, चक्कर आए। हाथ-पैरों में जलन हो, बिना करण ही चिड़चिड़ाहट हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। ये मधुमेह के लक्षण हो सकते हैं।

इसे खाएं-पिएं
स्किम्ड मिल्क, नारियल पानी, ग्रीन टी, लेमन टी, लइया चना, रोस्टेड मखाना, खट्टे फल, वेजिटेबल सूप आदि।

इन चीजों से रहें दूर
जड़ कंद वाली सब्जियां जैसे आलू, शकरकंद से दूर रहें। मीठे फल जैसे केला, खजूर, अंगूर न खाएं। चीनी, गुड़, जैम, जैली शूगर फ्री का यूज करें। बेकरी प्रोडक्ट, मिठाइयां दिनभर में सिर्फ 2 या 3 ही लें। ड्राई फ्रूट्स जैसे काजू, किशमिश से बचें। मैदा से बने खाद्य पदार्थ से परहेज करें। फ्राइड व जंक फूड से दूरी बनाएं।

ऐसा हो आपका खानपान
यदि आपको मधुमेह है तो आपको अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव करना चाहिए। सबसे पहले ध्यान रखें कि आपका भोजन मोटापा बढ़ाने वाला न हो। फाइबर वाले भोजन चुनें। जैसे मोटा अनाज, मिक्स आटे की रोटी, चोकर वाला आटा। इसमें कैलोरी के साथ-साथ फाइबर अधिक होता है। इसके लिए दलिया, ओट्स को डायट में शामिल किया जा सकता है। इसके अलावा मधुमेह रोगियों को अपनी डायट में अधिक प्रोटीन लेना चाहिए। अपने आइडियल बॉडी वेट के हिसाब से 1.2 ग्राम प्रोटीन प्रति किलो के हिसाब से लेना चाहिए। इसके लिए आप अपने भोजन में बेसन की रोटी, दालें, अंडा, नॉनवेज व ड्राईफ्रूट शामिल कर सकते हैं। इसके अलावा प्रतिदिन 20-25 ग्राम वसा तक ले सकते हैं। ध्यान रहे कि इसमें सेचुरेटेड फैट की मात्रा पांच ग्राम तक ही होनी चाहिए।

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