उत्तराखंड

मधेसी आंदोलनः भारत विरोधी प्रचार से सदमे में नेपाली नागरिक

2-killed-in-nepal-5651c252dcea6_exlstनेपाल में भारत विरोधी अभियान चलाने पर नेपाली नागरिक खुद बेहद दुखी और सदमे हैं। उनका कहना है कि भारत से उनके सांस्कृतिक, सामाजिक, आध्यात्मिक, धार्मिक, पारिवारिक रिश्ते होने के साथ रोटी-बेटी जैसे अटूट संबंध हैं, जिनमें दरार डालने की कोशिश की जा रही है।
उत्तराखंड के लोहाघाट में रहने वाले कंचनपुर (नेपाल) निवासी हरक बहादुर का कहना है कि भारत के साथ मजबूत रिश्तों की दीवार को तोड़ने की साजिश रची जा रही है। अराजक तत्व अपने नापाक मंसूबों में कभी कामयाब नहीं होंगे। कुसमौद के बलवीर सिंह का कहना है कि भारत हमारी मां है, जिसके बलबूते हमारा घर-परिवार चल रहा है।

कैलाली के दीपक जोशी का कहना है कि भारत के बिना नेपाल का कोई अस्तित्व नहीं है, जो युवक चीन के इशारे पर भारत विरोधी माहौल पैदा कर रहे हैं, वह अपनी संस्कृति, मान्यताओं और परंपराओं पर चोट कर भावी पीढ़ी के लिए समस्याएं पैदा कर रहे हैं।

मधेसी आंदोलन के बीच नेकपा माओवादी पार्टी विप्लव गुट के भारत विरोधी बंद के दूसरे दिन वाहनों की आवाजाही होने से राहत रही, लेकिन नेपाल में भारत विरोधी माहौल को हवा देकर दोनों देशों के बीच सौहार्द के माहौल में खटास की आशंका से लोग आशंकित हैं।

माओवादी संगठनों के भारत विरोधी स्वर मुखर होते जा रहे हैं। ऐसे में रोटी-बेटी के संबंध वाले सीमावर्ती क्षेत्रों के लोग चिंतित हैं। उनका कहना है कि मधेस प्रांत की मांग के बजाय हिंदू राष्ट्र की मांग की जानी चाहिए, जिसका नेपाल की अधिकांश जनता का समर्थन करेगी।

नेपाल और भारत की जनता के बीच सदियों से रोटी-बेटी का रिश्ता रहा है। नेपाल के संविधान में जो भी त्रुटि है उसे जल्द दूर करने की पहल होनी चाहिए। मधेस प्रांत की मांग के बजाय हिंदू राष्ट्र की मांग उठानी चाहिए। इसके लिए नेपाल के 85 प्रतिशत जनता इसका पक्ष करेगी।
– मोहन देव पंत, वरिष्ठ नेता, नेपाल राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी, ब्रह्मदेव (नेपाल)

मौजूदा हालात के लिए कुछ नेता जिम्मेदार
मधेसी आंदोलन को लेकर भारत-नेपाल के रिश्तों में पैदा हो रही खटास ठीक नहीं है। मौजूदा हालात से नेपाल फिर से संकट के दौर से गुजर रहा है। नेपाल की अधिकांश जनता भारत से रिश्ते बिगाड़ने की पक्षधर नहीं है। उच्च पदों पर बैठे कुछ ही नेता इन हालातों के लिए जिम्मेदार है। समय रहते दोनों देशों ने उच्च स्तर पर वार्ता से इसका हल निकालना चाहिए। नेपाल की ज्यादातर जनता हिंदू राष्ट्र की पक्षधर है।

समय रहते दोनों देश समाधान को करें पहल
दोनों देशों के बीच राजनीतिक कारणों से भाईचारे के रिश्ते बिगड़ रहे हैं। वर्तमान में पैदा हुए हालात से नेपाल की आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दोनों देशों को इस समस्या के निदान के लिए समय रहते पहल करनी चाहिए। जिससे सौहार्द बना रहे।
– महेश्वरी जोशी, व्यवसायी, ब्रह्मदेव (नेपाल)

बहुत पुराने हैं दोनों देशों में मैत्री संबंध
भारत-नेपाल के बीच मैत्री संबंध नए नहीं है। रामायण काल से ही रोटी-बेटी के संबंध चले आ रहे हैं। अयोध्या में भगवान जन्मे तो नेपाल के जनकपुर में सीता ने जन्म लिया। नेपाल में प्रांतों के निर्माण को लेकर उपजे हालात से भारत-नेपाल के रिश्तों में खटास पैदा हो रही है।

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