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मनी लांड्रिंग केस: 83 साल के सीएम वीरभद्र सिहं से ईडी ने 9 घंटे तक पूछे सवाल

नई दिल्ली. मनी लांड्रिंग के मामले में वीरवार को ईडी ने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से 9 घंटे तक पूछताछ की। ईडी के समन के बाद वीरभद्र वीरवार दोपहर 12 बजे ईडी कार्यालय पहुंचे थे। इस दौरान वे ‘सरफरोशी की तमन्ना…’ गीत गुनगुना रहे थे। उनसे तीन बजे तक लगातार पूछताछ हुई। इसके बाद कुछ समय के लिए बाहर आए। चार बजे से रात 9.30 बजे तक फिर सवाल-जवाब किए गए। आगे सीबीआई ने भी दर्ज कर रखा है मामला, यहां फंस रहा पेंच…
 
ईडी ने कि उन्हें फिर कभी भी पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है। ईडी ने वीरभद्र को पहले समन जारी कर 13 अप्रैल को पूछताछ के लिए बुलाया था लेकिन वे निजी व्यस्तता के कारण पेश नहीं हुए थे। वीरवार को सुबह दिल्ली के ईडी मुख्यालय पहुंचने से पहले वीरभद्र ने यहां अपने वकीलों से मुलाकात की। बुधवार को वकीलों ने हाईकोर्ट से अपील की थी कि पूछताछ के दौरान सिंह को अरेस्ट न किया जाए, लेकिन कोर्ट ने राहत देने से इनकार कर दिया था। वीरभद्र द्वारा दी गई जानकारी के बाद ईडी ने उनसे इस केस से जुड़े दस्तावेज मांगे हैं।
 
सीबीआई ने भी दर्जकर रखा है मामला
हिमाचल के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खिलाफ सीबीआई ने आय से अधिक संपत्ति का मुकदमा दर्जकिया था। इस मामले में सीबीआई कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। सीबीआई द्वारा एफआईआर दर्ज किए जाने के बाद ईडी ने वीरभद्र सिंह, उनकी पत्नी प्रतिभा, एलआईसी एजेंट आनंद चौहान, उनके सहयोगी चुन्नी लाल और अन्य के खिलाफ पीएमएलए के तहत अपराधिक मामला दर्जकिया था।
 
ईडी ने कार्रवाई करते हुए वीरभद्र का दिल्ली स्थित फार्महाउस भी सील कर लिया था। इस फार्म हाउस की कीमत 27.29 करोड़ रुपए बताई गई है। इस मसले पर काफी समय तक पूछताछ की गई।
 
फार्म हाउस की कीमत 1.20 करोड़ बताई, जबकि सौदा 6.61 करोड़ में
वीरभद्र के खिलाफ ईडी ने मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज कर रखा है। वीरभद्र परिवार की ओर से दिल्ली के महरौली में जो फार्म हाउस खरीदा गया है, इसकी रजिस्ट्री में दर्शाई गई कीमत और मार्केट वेल्यू मेल नहीं खाती है। इस बारे में भी लंबी पूछताछ हुई है। इसकी कीमत महज 1.20 करोड़ दर्शाई गई है।
 
इस मामले में आयकर विभाग ने जब इसकी पड़ताल जमीन बेचने वाले से की, तब यह तथ्य सामने आया कि जमीन का सौदा 6.61 करोड़ रुपये में किया गया। 1.20 करोड़ रुपये चेक और 5.41 करोड़ रुपये कैश के जरिये दिए गए हैं।
 
यह कैसे और कहां से आए इस मामले में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह घेरे में हैं। सूत्रों की माने तो 6.15 करोड़ रुपये आयकर रिटर्न, 7.70 करोड़ रुपये कर्ज और 5.41 करोड़ रुपये दिल्ली के महरौली में फार्म हाउस खरीदने में काफी ज्यादा घालमेल के मसले पर काफी सवाल हुए।
 
आयकर विभाग ने 30 जून 2014, जुलाई 2014 और अगस्त 2014 के सर्वे/सर्च अभियान में मिले तथ्यों के आधार पर कई पुख्ता जानकारियां जुटाई हैं। इन सभी तथ्यों के आधार पर ही पूछताछ के दौरान सीएम से कई सवाल किए हैं। इसके साथ ही दिल्ली के ग्रेटर कैलाश नई दिल्ली में एक फ्लैट है।
 
लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने जो शपथ पत्र दायर किया था उसमें इस फ्लैट का जिक्र नहीं है। 7 मई 2014 को लोकसभा चुनावाें में प्रत्याशी प्रतिभा सिंह ने चुनावी नतीजे आने से ठीक पहले पहले ग्रेटर कैलाश नई दिल्ली में साढ़े चार करोड़ के फ्लैट की रजिस्ट्री करवाई थी। इस मामले में भी सीएम से कई सवाल ईडी ने किए हैं।

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