मनी लांड्रिंग मामले में बैंक को कोई वित्तीय नुकसान नहीं: आेबीसी
दस्तक टाइम्स/एजेंसी-
नई दिल्ली: आेरिएंटल बैंक ऑफ कामर्स (आेबीसी) ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय द्वारा उजागर किए गए 557 करोड़ रुपए के कथित मनी लांड्रिंग मामले में उसे किसी प्रकार का वित्तीय नुकसान नहीं हुआ। आेबीसी के कार्यकारी निदेशक सुरेश एन. पटेल ने कहा, “ये सभी लेनदेन 2006 से 2010 के बीच के हैंं। इसमें शामिल 11 कंपनियों के खाते 2009-10 में ही बंद हो गए हैं। ये सभी चालू खाते थे और इन खातों के एवज में कोई भी कर्ज नहीं दिया गया था इसलिए बैंक का इसमें कोई वित्तीय नुकसान नहीं हुआ है।” उन्होंने कहा कि बैंक ने इस बारे में रिजर्व बैंक को सूचित कर दिया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कल 550 करोड़ रुपए के एक और मनी लांड्रिंग मामले को उजागर किया है जिसमें कथित तौर पर 9 राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बैंकों के नैटवर्क का इस्तेमाल किया गया। इसके जरिए अवैध रूप से राशि हांगकांग और चीन भेजी गई।
एजैंसी ने गाजियाबाद स्थित एक विदेशी मुद्रा ऑपरेटर को भी गिरफ्तार किया है। उसपर धनराशि अवैध रूप से विदेश भेजने का आरोप है। ईडी ने गाजियाबाद की विदेशी मुद्रा विनिमय फर्म में काम करने वाले मनीष जैन का कल रात गिरफ्तार किया। उस पर आेबीसी की राजपुर शाखा में धन जमा करने और आयात, जो हुआ ही नहीं, के नाम पर 505 करोड़ रुपए अवैध तरीके से भेजने का आरोप है। मामले के बारे में बैंक ऑफ बड़ौदा से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में गिरफ्तार किए गए एक आरोपी से पूछताछ के दौरान पता चला। बैंक ऑफ बड़ौदा की विदेशी मुद्रा विनिमय शाखा से भी इसी तरह के 6,000 करोड़ रुपए के व्यापार आधारित मनी लांड्रिंग मामले का खुलासा हुआ है।