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‘मन की बात’ में बोले मोदी- रोमांचक होगा पांचवां वनडे

दस्तक टाइम्स/एजेंसी-
man-ki-baatनई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज फिर ‘मन की बात’ कार्यक्रम के जरिए लोगों को संबोधित कर रहे हैं। इस कार्यक्रम की शुरुआत में पीएम ने मुम्बई में खेले जाने वाले भारत-दक्षिण अफ्रीका के बीच पांचवे वन-डे मैच के लिए सभी खिलाडियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भारत-दक्षिण अफ्रीका के बीच पांचवां वनडे रोमांचक होगा, दोनों टीमें बराबरी पर हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि एक जनवरी 2016 से केंद्र सरकार के ग्रुप डी, ग्रुप सी और ग्रुप बी के गैर राजपत्रित पदों पर नियुक्ति के लिए अब साक्षात्कार नहीं होगा। पीएम मोदी ने कहा, ‘‘मैं आज गर्व से कहना चाहता हूं कि सरकार ने सारी प्रक्रियाएं पूर्ण कर ली हैं और केंद्र सरकार के ग्रुप डी, ग्रुप सी और ग्रुप बी के गैर राजपत्रित पदों में अब भर्ती के लिए साक्षात्कार नहीं होगा, इंटरव्यू नहीं होगा। एक जनवरी, 2016 ये लागू हो जाएगा।’’ उन्होंने कहा कि अभी जहां प्रक्रियाएं चल रही है उसमें कोई रुकावट हम नहीं करेंगे…लेकिन एक जनवरी, 2016 से यह लागू हो जाएगा । केंद्र सरकार दिवाली से पूर्व एक ऐसी योजना शुरू कर रही है जिसके तहत बैंकों में सोना रखने पर ब्याज मिलेगा। अब तक सोना बैंकों के लॉकर में रखने पर किराया देना पड़ता है। पीएम मोदी ने देशवासियों से बड़ी संख्या में इस योजना से जुडऩे का आह्वान करते हुए कहा, ‘‘बस…यही तो काम हमें करना है आप मेरा साथ दीजिए। अब घर में सोना मत रखिए। उसकी सुरक्षा और उसका ब्याज दो-दो फायदे। बैंक में सोना रखने पर आपको एक कागज (बांड) मिलेगा जिसका मूल्य सोने के बराबर है। और जिस दिन आप यह कागज वापस करेंगे उस दिन दिन सोने का जितना मूल्य होगा, उतना ही पैसा आपको वापिस दिया जायेगा। यानी मान लीजिये आज आपने 1000 रुपए के सोने के दाम के हिसाब से ये स्वर्णिम बांड लिया और पांच साल के बाद आप बांड वापिस करने गए और उस समय सोने का दाम ढाई हकाार रुपए है। तो उस कागज के बदले में आपको ढाई हजार रुपए मिलेंगे।’’दादरी मामले, हरियाणा में दलित परिवार के घर में आग लगाने समेत कुछ अन्य घटनाआें पर जारी आलोचनाआें के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने एकता को विकास का मंत्र एवं जड़ी बूटी बताते हुए कहा कि भारत अनेक पंथ, संप्रदाय, बोली, जाति, परिवेश से युक्त विविधताआें से भरा देश है और इन विविधताआें के कारण ही हमारी शोभा है इसे हमें अपने चिंतन, व्यवहार और अभिव्यक्ति का माध्यम बनाना चाहिए।

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