ममता चीन सरकार से चाहती थीं नेताओं से बैठकें, चीन ने नहीं दी मंजूरी तो रद्द किया दौरा
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चीन सरकार से ‘उचित स्तर पर राजनीतिक बैठकों’ की पुष्टि नहीं करने पर वहां की अपनी यात्रा आज रद्द कर दी. राज्य के वित्तमंत्री अमित मित्रा ने बताया कि उन्हें आज शुक्रवार रात चीन रवाना होना था.
ममता भारत सरकार और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के अंतरराष्ट्रीय विभाग के बीच आदान-प्रदान कार्यक्रम के तहत एक शिष्टमंडल का नेतृत्व करने वाली थीं. मित्रा ने बताया कि यात्रा रद्द करने के बारे में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और विदेश सचिव वीके गोखले को जानकारी दे दी गई है. सुषमा स्वराज अभी विदेश में हैं.
ममता ने ट्वीट किया, ‘इस साल मार्च में विदेश मंत्री ने मुझसे सिफारिश की थी कि मैं चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के अंतरराष्ट्रीय विभाग के साथ भारत सरकार के आदान-प्रदान कार्यक्रम के तहत एक शिष्टमंडल के नेतृत्व पर विचार करूं.’
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह इस प्रस्ताव पर सहमत हो गईं. ‘मैंने उनसे (सुषमा से) कहा कि चूंकि इससे हमारे देश का हित जुड़ा है, मैं जून 2018 के आखिरी हफ्ते में किसी समय चीन की यात्रा करना चाहूंगी’
उन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और भारत के चीन के राजदूत के बीच पत्राचार से एक कार्यक्रम तय हुआ. मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते कल तक सभी चीजें ठीक चल रही थीं. लेकिन दुर्भाग्यवश उचित स्तर पर राजनीतिक बैठकों की पुष्टि नहीं हो पाई.
ममता ने कहा, ‘चीन में हमारे राजदूत ने सूचित किया है कि आदान-प्रदान कार्यक्रम के तहत उचित स्तर पर राजनीतिक बैठकों की पुष्टि नहीं हुई है. लिहाजा, आदान-प्रदान कार्यक्रम के तहत शिष्टमंडल के साथ चीन की मेरी यात्रा का कोई उपयोग नहीं है.’
उन्होंने कहा कि चीन में हमारे राजदूत ने कार्यक्रम को सफल बनाने की बहुत कोशिश की लेकिन भारतीय राजदूत ने उचित स्तर पर राजनीतिक बैठकों का चीन को जो प्रस्ताव दिया था आखिरी वक्त पर उसकी पुष्टि नहीं हो पाई. इसने दुर्भाग्यवश हमें यात्रा रद्द करने के लिए मजबूर होना पड़ा.’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मैं आगामी दिनों में भारत और चीन की दोस्ती में योगदान करना चाहती हूं. दोनों देशों के हित में है कि दोस्ती गहरी हो.’
बता दें, ममता बनर्जी का 22 जून से चीन का सात दिवसीय दौरा तय था. इस दौरे पर ममता के साथ पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा भी जाने वाले थे. ममता का चीन के दो बड़े शहरों बीजिंग और शंघाई का दौरा करने का प्लान था.