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ममता ने किया दावा, ‘जमीन लौटाने के बाद भी सिंगूर में खेती नहीं करना चाहते हैं किसान’

कोलकाता: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद तृणमूल कांग्रेस ने 997.11 एकड़ जमीन को किसानों को लौटा दिया है. आज इस पर विपक्ष ने जब ममता बनर्जी की सरकार से पूछा कि सिंगूर की जमीन में खेती क्यों नहीं हो रही है तो राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि सरकार ने सारी जमीन किसानों को उपजाऊ बनाकर वापस कर दी है. अब अगर किसान खेती नहीं करना चाहते है तो इसमें राज्य सरकार क्या कर सकती है. सरकार के तरफ से 10 हज़ार रूपए मिट्टी के परीक्षण के लिए और बीज के लिए प्रति किसान को दिया था.

उन्होंने कहा कि कुछ किसान अपनी जमीन बेच चुके हैं. हम जबरन किसान को तो नहीं बोल सकते कि आप फसल पैदा करो. कुल 997.11 एकड़ जमीन है जिसमें से 955.41 एकड़ जमीन किसानों को लौटा दी गई है. 41.21 एकड़ जमीन की किसान मालिकों ने अभी तक जमीन नहीं वापस लिया. साल 2017-2018 में 641 एकड़ जमीन में पैदावार किया गया और 2018-2019 में मात्रा 260 एकड़ जमीन में पैदावार हुई. सवाल ये है कि जिस जमीन को लेकर इतना आंदोलन हुआ और टाटा को बंगाल छोड़ के जाना पड़ा. अब किसान यहां खेती क्यों नहीं करना चाहते हैं.

वहीं, दूसरी ओर भाजपा की सांसद लॉकेट चटर्जी ने कहा कि 10 साल पहले जब टाटा ने यहां कारखाने बनाने के लिए जमीन ली थी. उसके बाद जमीन उपजाऊ नहीं रही. ममता बनर्जी ने कहा कि किसान खेती नहीं करना चाहते हैं. अगर जमीन उपजाऊ ही नहीं है तो खेती कहां से होगी. साथ ही उन्होंने कहा कि बीजेपी चुनाव जीतने के बाद चाहती है कि सिंगूर में फिर से नए सिरे से यहां उद्योग वापस आए और यहां के लोगों को नौकरी मिले, चाहे वो टाटा हो या कोई और कंपनी.

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