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कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज विधानसभा में बीजेपी को बड़ा झटका दिया है। बीजेपी की टिकट पर चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे और बाद में टीएमसी में घर वापसी करने वाले मुकुल रॉय को ममता बनर्जी की सरकार ने पब्लिक अकाउंट्स कमिटी (पीएसी) चेयरमैन नियुक्त किया है। मुकुल रॉय को पीएसी का अध्यक्ष बनाए जाने का बीजेपी विधायकों ने जमकर विरोध किया और सदन से वॉक आउट कर दिया।
दरअसल, शारदा घोटाले के आरोपी मुकुल रॉय को पीएसी चीफ बनाकर सीएम ममता ने एक तीर से दो निशाने साधे हैं। पहला ये कि ‘विपक्षी विधायक’ को पीएसी चेयरमैन बनाए जाने की नियम का पालन किया क्योंकि आधिकारिक तौर पर मुकुल रॉय बीजेपी के विधायक हैं। और दूसरा ये कि अपनी पार्टी में आ चुके व्यक्ति को अहम पद सौंप दिया। मुकुल रॉय को पश्चिम बंगाल विधानसभा की लोक लेखा समिति (पीएसी) का अध्यक्ष बनाए जाने के बाद विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी की अगुआई में पार्टी के विधायक वॉकआउट कर गए।
सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि स्पीकर ने अपनी शक्ति का इस्तेमाल मुकुल रॉय को पीएसी (लोक लेखा समिति) के अध्यक्ष के रूप में घोषित करने के लिए किया है। यह पहली बार है कि अध्यक्ष के लिए विपक्षी दलों से किसी का नाम नहीं चुना गया। हमने रॉय को पीएसी में शामिल करने के लिए नामित नहीं किया। सत्ताधारी दल सरकारी धन खर्च करना चाहता है और हिसाब भी रखना चाहता है। स्पीकर ने सम्मेलन का उल्लंघन किया है। वहीं, स्पीकर बिमान बनर्जी के फैसले का बचाव करते हुए टीएमसी के लोकसभा सदस्य सौगत रॉय ने कहा, ‘ऐसा कोई नियम नहीं है जो कहता हो कि किसी विपक्षी नेता को पीएसी का अध्यक्ष बनाया जाना है।’