उत्तर प्रदेशदस्तक-विशेषफीचर्ड
मरियम बोली मेरे लिए देश का संविधान सर्वोपरि
दस्तक से हुई टेलीफोनिक बातचीत में मरियम सिद्दीकी ने शेयर की मन की बात
-केपी त्रिपाठी
मेरठ : मरियम सिद्दीकी यह नाम है उस 14 साल की बच्ची का जिसे गीता के श्लोक पूरी तरह से कंठस्थ हैं। इतना ही नहीं वह इन श्लोको को धाराप्रवाह बोलती है। मरियम ने 2015 में इस्कॉन द्वारा श्रीमद्भागवत गीता को लेकर आयोजित प्रतियोगिता में उसने देश में प्रथम स्थान हासिल कर गीता गर्ल का खिताब हासिल कर चुकी हैं। कुछ ऐसी शख्सियत है मरियम है जिन्हें श्रीमद्भागवत गीता के पूरे श्लोक कंठस्थ हैं। साथ ही कुरान की आयतें भी कंठस्थ हैं। मरियम कहती हैं कि गीता और कुरान दोनों एक ही बात सिखाते हैं कि कर्म करो और फल की इच्छा मत रखो। मरियम इस समय बाम्बे में रहती हैं और उनके पिता आसिफ सिद्ीकी का अपना एक छोटा सा बिजनेस और एक पत्रकार भी हैं। मरियम के अनुसार सभी धर्मो का संदेश इंसानियत और नेकी का है और सबका हमें आदर करके उनका अध्ययन कर अमल में लाना चाहिए। गीता व कुरान का संदेश फैलाकर सामाजिक सद्भाव कायम करना ही उनका उद्देश्य है। मरियम के पिता आसिफ सिद्दीकी ने पत्रिका को बताया कि शरीर चाहे हिन्दू का हो या मुस्लमान का उसमें रूह तो एक ईश्वर की है। हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई धर्म अगल हो सकते हैं रहने का ढंग अलग हे सकता है खानपान अलग हो सकता है। लेकिन रूह और आत्मा तो उसी एक ईश्वर ने ही मनुष्य में डाली है।
मरियम ने आठ साल की उम्र में अपने पिता से पूछा हिन्दू क्या होता है
मरियम के पिता कहते हैं जब मरियम आठ साल की थी तो उसने एक दिन अचानक पूछ लिया अब्बा ये हिन्दू क्या होता है। बस तभी से मरियम का यह सवाल उन्हें परेशान करने लगा। वे उसी दिन घर में गीता लाए। उन्होंने मरियम को बुलाया और गीता-कुरान दोनों ग्रंथ उसके सामने रख दिए। बस उसी दिन से मरियम ने गीता को पढना प्रारंभ किया। कुछ दिन बाद उसने संस्कृत में श्लोक पढना शुरू कर दिया। इसके बाद तो आज जब वह गीता का श्लोक पढती है तो कोई यह बता नहीं सकता कि उसका मजहब क्या है।
मरियम ने कहा कि उनका उद्देश्य पूरी दुनिया में नेकी का संदेश देना है। क्योंकि नेकी ही है जो इस दुनिया को सही रास्ता दिखा सकती है। दुनिया में जिस भी जगह खून-खराबा हो रहा है, वहां के लोगों को मैं बताना चाहती हूं कि गीता व कुरान बंदे को नेकी की राह दिखाते हैं। यह संदेश पूरी दुनिया में फैलाकर सामाजिक सदभाव कायम करना ही मेरा उद्देश्य है। मरियम कहती हैं कि रामायण जीवन का आदर्श है जिसने इन्हें जान लिया, वह अपने जीवन का मूल अस्तित्व जान जाएगा। ‘कर्मण्येवाधिकारस्ते मां फलेषु कदाचन’ गीता के इस श्लोक ने मनुष्य को कर्म योगी व्यक्ति बताकर उस पर चलने का आह्वान किया है, वहीं कुरान भी बंदे को नेकी की राह दिखाता है। इसलिए मैंने मरियम को बचपन से ही भागवत गीता और कुरान पढ़ाई।
(मरियम उत्तरप्रदेश पुलिस चाइल्ड विंग गुडविल की ब्रांड एंबेसडर भी रह चुकी हैं। )