मसूद अजहर पर प्रतिबंध के लिए यूएन पहुंचा अमेरिका, चीन ने किया विरोध
अमेरिका ने मंगलवार को यूएन में यह प्रस्ताव रखा, जिसका चीन ने एक बार फिर विरोध किया।
नई दिल्ली । आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत को अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस का अहम साथ मिला है। अमेरिका के नेतृत्व में तीनों देशों ने पठानकोट और संसद पर हमले के आरोपी मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में प्रस्ताव पेश किया है। पहले की तरह चीन ने इस बार भी इस प्रस्ताव पर वीटो लगा दिया है।
ध्यान देने की बात है कि 31 दिसंबर को चीन के वीटो के कारण भारत का इसी तरह का प्रस्ताव गिर चुका है। मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने के लिए भारत दो बार यूएन में प्रस्ताव पेश कर चुका है। 2009 और 2016 में पेश प्रस्ताव चीन के वीटो के कारण पास नहीं हो पाया। लेकिन यह पहला मौका है जब अमेरिका ने भारत में वांछित मसूद को आतंकी घोषित करने के लिए प्रस्ताव पेश किया है और सुरक्षा परिषद के दो स्थायी सदस्य देश इसके साथ हैं। रूस पहले भी भारत के प्रस्ताव का समर्थन कर चुका है। सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों में केवल चीन ही इसे वीटो कर रहा है।
मसूद अजहर के मुद्दे पर चीन के रुख से साफ हो गया है कि वह पाकिस्तान को खुश करने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। यहां तक कि आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय मुहिम को झटका देने से भी नहीं चूकेगा। लेकिन यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस जैसे तीन स्थायी सदस्यों के प्रस्ताव के खिलाफ चीन कब तक खड़ा रह सकता है। 2009 में मसूद अजहर को आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव का चीन के साथ-साथ ब्रिटेन ने भी तकनीकी आधार पर विरोध किया था। अब आठ साल बाद ब्रिटेन खुद प्रस्ताव करने में शामिल हो गया है।
भारत की सधी प्रतिक्रियाअमेरिकी प्रस्ताव पर चीन के वीटो पर भारत ने फिलहाल सधी हुई प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि इस संबंध में चीन से नए सिरे से बातचीत की जाएगी। लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि बातचीत कब और किस स्तर पर की जाएगी। वैसे पिछले साल भारत ने चीन के राष्ट्रपति और विदेश मंत्री से लेकर उसके राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार तक को मसूद पर प्रतिबंध लगाने की जरूरत समझाने की कोशिश की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की द्विपक्षीय वार्ता में तीन बार इस बारे में चर्चा हो चुकी है।
लेकिन चीन के रुख में कोई बदलाव नहीं आया। उस समय भारत ने कहा था कि चीन के इस रुख से आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय लड़ाई कमजोर होगी। एनआइए कोर्ट का नोटिस एनआइए कोर्ट ने मंगलवार को पाक स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को नौ मार्च को पेशी के लिए नोटिस जारी किया है। मसूद के अलावा उसके भाई अब्दुल रउफ असगर और दो अन्य को भी नोटिस जारी किए गए हैं। एनआइए ने पठानकोट एयर बेस आतंकी हमले में इन चारों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। नोटिस अखबार में प्रकाशित किए जाएंगे। पाकिस्तान जहां ये पनाह लिए हुए हैं, वहां के अखबारों भी इसमें शामिल होंगे।