अन्तर्राष्ट्रीय

मसूद अजहर वैश्विक आतंकी घोषित करने के दायरे में आता है : अमेरिका

वॉशिंगटन : जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर को अमेरिका ने वैश्विक आतंकी घोषित किए जाने के प्रस्तावों का समर्थन किया है। अमेरिकी विदेश विभाग के उपप्रवक्ता रॉबर्ट पलाडिनो ने बुधवार को कहा कि मसूद अजहर ही जैश का संस्थापक है और वह वैश्विक आतंकी घोषित करने के संयुक्त राष्ट्र के दायरे में आता है। यूएन जैश को आतंकी गुट मानता है। भारत ने 2009 में पहली बार यूएन में मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित किए जाने के लिए प्रस्ताव दिया था लेकिन चीन के वीटो के चलते ऐसा नहीं हो पाया। पलाडिनो ने कहा- अमेरिका और चीन के आपसी हित हैं। दोनों देश क्षेत्रीय स्थायित्व और शांति लाना चाहते हैं। लेकिन मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के प्रयासों को नाकाम करने से यह लक्ष्य हासिल नहीं हो पा रहा। अमेरिका के मुताबिक- मसूद और आतंक से लड़ने के मुद्दे पर अमेरिका और भारत साथ मिलकर काम कर रहे हैं। मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित करवाने के लिए अमेरिका यूएन में भी भारत का साथ देगा। जैश कई आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदार है और उससे क्षेत्रीय स्थायित्व और शांति के लिए खतरा है। मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव को यूएन सेंक्शन कमेटी स्वीकार करेगी। पलाडिनो ने कहा कि सेंक्शन कमेटी की कार्यप्रणाली गोपनीय होती है। इस पर टिप्पणी करना सही नहीं होगा लेकिन हम यह जरूर सुनिश्चित करेंगे कि वैश्विक आतंकियों की सूची अपडेट और सही रहे। भारत ने मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए पहली बार यूएन में 2009 में प्रस्ताव दिया था। 2016 में भारत ने एक बार फिर अमेरिका, यूके और फ्रांस (पी-3) के साथ मिलकर अजहर पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव दिया। इस प्रस्ताव में कहा गया कि जनवरी 2016 में पठानकोट एयरबेस पर हमले का मास्टरमाइंड अजहर ही था। 2017 में पी-3 राष्ट्रों ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र में मसूद को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने के लिए प्रस्ताव दिया। अब तक जितनी बार भी प्रस्ताव दिए गए हैं, चीन ने हर बार विरोध (वीटो) किया। इसके चलते प्रस्ताव सेंक्शन कमेटी तक नहीं पहुंच सका। मार्च 2019 में अमेरिका, यूके और फ्रांस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक नया प्रस्ताव रखा। इसके तहत अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने की मांग की गई। प्रस्ताव में कहा गया कि अजहर के दुनिया में कहीं भी आने-जाने, हथियार खरीदने पर रोक और उसकी संपत्ति कब्जे में कर ली जाए। हाल ही में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने संकेत दिए कि उनका देश यूएनएससी में मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने का विरोध नहीं करेगा। जियो टीवी को दिए एक इंटरव्यू में कुरैशी ने कहा था, अब वक्त आ गया है कि पाकिस्तान को अपने हितों को लेकर फैसला करना ही होगा। हम वही करेंगे, जो हमारे हित में होगा। हमारी कुछ वैश्विक प्रतिबद्धताएं हैं। हम जो भी कार्यवाही करेंगे, उससे दुनिया में हमारी छवि को कोई नुकसान नहीं होगा।

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