महंगाई की मार- दाल से टूटा गरीब का नाता
एजेंसी/ पटना। दाल और चीनी जैसी जरुरत की चीजों की आसमान छूती कीमतें आम आम आदमी की पहुंच के बाहर होती जा रही हैं। अरहर की दाल भाव 200 रुपए प्रति किलो हो गई है। वहीं मूंग, मसूर, चना, आदि की दालों के दाम 180 रुपए से ऊपर चले गये हैं। यूपी-बिहार में सबसे ज्यादा खायी जाने वाली अरहर की दाल से गरीब का नाता टूटता दिखाई दे रहा है।
जबकि गरीबों के भोजन की थाली में दाल गायब हो गयी है। दाल प्रोटीन का सर्व सुलभ स्रोत है, जो मानव स्वास्थ के लिए अत्यावश्यक है। आपको बताते चलें कि पिछले वर्ष इसी अवधि में अरहर की दाल का भाव 100 रुपए प्रति किलो था, जो आज बढ़कर 200 रुपये किलो हो गया है। वहीं सरकार ने पिछले वर्ष दाल की कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए 50 हजार टन का सुरक्षित भंडार बनाया था।
सरकारी भंडार में अब तक 8,000 टन उड़द और 2,000 टन अरहर की दाल बाजार के लिए दी गई। उसके बावजूद कीमतों में कोई गिरावट दर्ज नहीं हुई। सरकार के दावे झूठे साबित हुए हैं। वही केंद्र सरकार ने जमाखोरों तथा कालाबाजारीयों के विरुद्ध कार्रवाई का निर्देश दिया था, लेकिन बिहार में अब भी जमाखोरों के गोदाम अनाज से भरे पड़े हैं। अगर बड़े पैमाने पर छापे मारे जाएं तभी कीमतों की निरंकुश वृद्धि रुक सकती है। उधर चीनी के दाम भी बढ़ कर 40 रुपये किलो हो गये हैं। चीनी उत्पादक इसका कारण उत्पादन में गिरावट बता रहे हैं। गर्मी के मौसम में चीनी की खपत बढ़ जाती है, लेकिन किमतों ने उसकी मिठास फीकी कर दी है। आशंका है कि भविष्य में इसकी कीमत में और वृद्धि होगी। सरकार ने भाव स्थिर रखने के लिए राज्य से इसके भंडार की सीमा तय करने के लिए कहा है।