व्यापार

महंगाई: बिचौलियों की वसूली के कारण दाल 100 के पार…

अरहर की सही कीमत किसानों को मिले न मिले, बिचौलियों की मुनाफावसूली से इसके दाल की कीमत फिर 100 रुपये किलो के पार चली गई है। दिल्ली में अरहर की कीमत जहां 57 रुपये किलो है, वहीं इसके पैदावार वाले इलाके में 53-34 रुपये प्रति किलो है। यानी, सिर्फ मिल से निकलने और वितरण में इसकी कीमत दोगुनी हो जाती है।

सरकार के प्रयास से इस बार अरहर का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है। देश में इस बार उत्पादन 36 लाख टन से भी ज्यादा रहा है, जबकि कुल खपत 40 लाख टन ही है। यही नहीं इस बार दाल व्यापारियों को विदेश से चार लाख टन अरहर दाल के आयात की अनुमति है। इसके अलावा सरकार ने मोजांबिक से भी 1.75 लाख टन अरहर दाल आयात का फैसला किया है।

हालांकि, रिकॉर्ड उत्पादन की वजह से किसानों को दाल की कीमत न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से भी कम मिली। दाल का मौजूदा एमएसपी 5,800 रुपये है, जबकि दिल्ली में थोक बाजार में बृहस्पतिवार को अरहर 5,700 रुपये प्रति क्विंटल के भाव रही। खुदरा बाजार में यह कीमत 120 से 130 रुपये प्रति किलो पहुंच गई। वहीं, केंद्रीय भंडार में भी यह 98 रुपये प्रति किलो रहा।

पिछले महीने भी ऐसा हुआ था
पिछले महीने भी अरहर दाल की कीमतें 100 रुपये किलो से ज्यादा हो गई थी। तब केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने जांच के आदेश दिए और नैफेड ने दो लाख टन अरहर दाल खुले बाजार में बेचा था। उसके बाद भाव में 20 रुपये कमी आई, लेकिन बारिश का मौसम शुरू होते ही कारोबारियों ने दाम बढ़ाने शुरू कर दिये। जानकारों का कहना है कि बारिश में सब्जियों का उत्पादन कम होने से दाल की मांग बढ़ती है और व्यापारी मुनाफा काटते हैं।

दाल का पर्याप्त भंडार
खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय का कहना है कि देश में अरहर दाल का पर्याप्त भंडार है। नैफेड के पास जहां 20 लाख टन दाल है तो मंत्रालय के पास भी 14 लाख टन का बफर स्टॉक है। इसलिए अरहर दाल की कीमत बढ़ने का सवाल ही पैदा नहीं होता है। कृषि विशेषज्ञों का कहना है यह शुद्घ रूप से मुनाफाखोरी की स्थिति है।

Related Articles

Back to top button