महबूबा को झटका! जम्मू एवं कश्मीर से AFSPA नहीं हटाएगी मोदी सरकार: रिपोर्ट
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दस्तक टाइम्स एजेंसी/नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के महासचिव राम माधव और महबूबा मुफ्ती की बुधवार को हुई मुलाकात के बाद जम्मू और कश्मीर से आर्म्ड फोर्स स्पेशल पावर एक्ट यानी राज्य में लागू अफ्सपा हटाने की बात की जा रही थी, लेकिन मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र सरकार की तरफ राज्य से अफ्सपा हटाने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
रिपोर्ट के मुताबिक गृह और रक्षा मंत्रालय राज्य से अफ्सपा हटाने को तैयार नहीं है। सरकार को लगता है कि जम्मू और कश्मीर की सुरक्षा और पाकिस्तान की तरफ से होने वाली घुसपैठ को देखते हुए इसे हटाना गलत होगा। बुधवार को यह खबर आई थी कि राम माधव ने महबूबा से मुलाकात में सरकार की तरफ से ट्रायल के आधार पर इस एक्ट को हटाने के संकेत दिए थे। रिपोर्ट के मुताबिक यह साफ कर दिया गया है कि राज्य में सरकार बनाने का आधार अफ्सपा को नहीं बनाया जाएगा।
दरअसल जम्मू एवं कश्मीर में अफ्सपा कानून को 1990 में सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (अफ्सपा) को राज्य में बढ़ रही आतंकी घटनाओं के बाद लागू किया गया था। तब से आज तक जम्मू-कश्मीर में यह कानून सेना को प्राप्त हैं। हालांकि राज्य के लेह-लद्दाख इलाके इस कानून के अंतर्गत नहीं आते हैं। इस कानून के तहत जम्मू एवं कश्मीर में सेना को किसी भी व्यक्ति को बिना कोई वारंट के तशाली या गिरफ्तार करने का विशेषाधिकार है। यदि वह व्यक्ति गिरफ्तारी का विरोध करता है तो उसे जबरन गिरफ्तार करने का पूरा अधिकार सेना के जवानों को प्राप्त है।
गौर हो कि जम्मू कश्मीर में सरकार गठन को लेकर पिछले एक माह से अधिक समय से जारी गतिरोध की समाप्ति के लिए बुधवार को पहली बार एक पहल हुई जहां भाजपा महासचिव राम माधव ने राज्य के अपने संक्षिप्त दौरे के दौरान यहां पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती से मुलाकात की । राज्य में सरकार गठन को लेकर वरिष्ठ भाजपा और पीडीपी नेताओं के बीच यह पहली औपचारिक बैठक थी जहां आठ जनवरी से राज्यपाल शासन लगा हुआ है । उस समय मुख्यमंत्री के पद पर आसीन रहे मुफ्ती मोहम्मद सईद का अचानक निधन होने के कारण राज्य में राज्यपाल शासन लगाया गया था।
कुछ ऐसे मुद्दे जिन पर पीडीपी चाहती है कि केंद्र सरकार कदम उठाए, उनमें अफ्स्पा को हटाया जाना, राज्य में अलगाववादियों के साथ बातचीत , जम्मू कश्मीर के लिए दो स्मार्ट सिटी को मंजूरी प्रदान करना और राज्य के लिए विद्युत परियोजनाएं शामिल हैं । हाल ही में वरिष्ठ पीडीपी नेता मुजफ्फर बेग ने हालांकि नरम लहजे में कहा था कि पार्टी केवल यह चाहती है कि एक निश्चित समय सीमा के भीतर गठबंधन के एजेंडा को लागू किया जाए।