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महबूबा मुफ्ती होंगी जम्मू-कश्मीर की पहली महिला सीएम, राज्यपाल से आज करेंगी मुलाकात

mehboobamufti650_1_635944366344189380जेन्सी/ नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने महबूबा मुफ्ती को आधिकारिक रूप से मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया है। राज्य में बीजेपी के साथ गठबंधन सरकार को लेकर श्रीनगर में हुई पार्टी विधायकों की अहम बैठक में यह फैसला लिया गया। इस बाबत महबूबा आज राज्यपाल से मुलाकात करेंगी।

पीडीपी प्रमुख महबूबा को पार्टी ने सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुना, जिससे उनके राज्य की पहली महिला मुख्यमंत्री बनने का रास्ता लगभग साफ हो गया। महबूबा अगर मुख्यमंत्री बनती हैं तो उन्हें विधानसभा या विधानपरिषद में से किसी एक का सदस्य बनना होगा और लोकसभा सीट से इस्तीफा देना पड़ेगा। महबूबा अभी दक्षिणी कश्मीर के अनंतनाग निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा सदस्य हैं।


इस बैठक से कुछ घंटों पहले महबूबा दक्षिणी कश्मीर के अनंतनाग जिले में स्थित अपने पुस्तैनी शहर बिजबेहरा में अपने पिता एवं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की कब्र पर भी गईं। पीडीपी के एक नेता ने बताया, ‘जम्मू-कश्मीर में बीजेपी के साथ गठबंधन सरकार के संदर्भ में आखिरी फैसला करने से पहले महबूबा दुआ मांगने के लिए बिजबेहरा स्थित पिता की कब्र पर गईं।’

वहीं पीडीपी नेता मुज़फ्फरर बेग ने कहा, ‘मुफ्ती सईद ने पीडीपी और बीजेपी के बीच गठजोड़ से पहले पीएम के साथ लंबी बातचीत की थी। उनके जाने के बाद महबूबा मुफ्ती को बीजेपी के साथ हमारे संबंधों को दोबारा नए सिरे से एक नई दिशा देनी पड़ी। लेकिन गठजोड़ के एजेंडे में बदलाव का सवाल ही नहीं उठता है।’

इससे पहले बुधवार दोपहर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ महबूबा मुफ़्ती की मुलाक़ात से दोनों दलों के बीच नई समझ बनी। अभी तक कई मुद्दों पर अड़ियल रुख़ अपनाए महबूबा मुफ़्ती राज्य में बीजेपी के साथ नई सरकार बनाने को राज़ी हो गईं। महबूबा ने इसका संकेत साफ शब्दों में दिया, जब उन्होंने कहा, ‘जब आप देश के प्रधानमंत्री से मिलते हैं और अच्छी बात होती है तो आम लोगों के मसले हल होने का रास्ता ज़्यादा साफ़ हो जाता है।’

गौरतलब है कि राज्य में बीजेपी और पीडीपी ने पिछले साल मार्च से इस साल जनवरी तक 10 महीने की गठबंधन सरकार चलाई थी। हालांकि बीते सात जनवरी को मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन के बाद से सरकार के गठन को लेकर उहापोह की स्थिति बनी हुई है और वहां राज्यपाल शासन लागू है।

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