महराजगंज में 11 अधिकारियों को निलंबित तथा 7 अधिकारियों को स्थानान्तरित करने के निर्देश

मुख्यमंत्री ने महराजगंज की कानून-व्यवस्था और जन कल्याणकारी योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की
लखनऊ: प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज जनपद महराजगंज कलेक्ट्रेट सभागार में जनपद की कानून व्यवस्था और जन कल्याणकारी योजनाओं की बिन्दुवार प्रगति की समीक्षा की। कानून व्यवस्था में अपेक्षित सुधार न होने पर उन्होंने कड़ी नाराजगी जतायी तथा दायित्वों के सही ढंग से निर्वहन न करने पर 02 थानाध्यक्षों को निलंबित करने और 03 थानाध्यक्षों को जनपद से स्थानान्तरित करने के निर्देश दिये। निलंबित होने वाले थानाध्यक्ष पुरन्दरपुर विनोद कुमार राव व थानाध्यक्ष फरेन्दा चन्द्रेश यादव हैं तथा स्थानान्तरित होने वाले थानाध्यक्ष पनियरा के सुधीर कुमार सिंह, श्यामदेउरवा के श्रीकान्त राय, कोठीभार के श्री रमाकान्त यादव हैं। इसी प्रकार मुख्यमंत्री ने जन कल्याणकारी योजनाओं का सफल क्रियान्वयन न करने तथा अपने दायित्वों का सही निर्वहन न करने के कारण विभिन्न विभागों के 9 अधिकारियों का निलंबित तथा 4 अन्य अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से जनपद से स्थानान्तरित करने के निर्देश दिये हैं। निलंबित होने वाले अधिकारियों में एसडीएम गिरीश चन्द्र श्रीवास्तव, विक्रम सिंह एसडीएम नौतनवा, शैलेश कुमार सिंह कैजुएलटी मेडिकल आफिसर, संजय श्रीवास्तव बीडीओ, रवि सिंह लेखाधिकारी बेसिक शिक्षा, मोहम्मद मुजम्मिल जिला कृषि अधिकारी, श्री वी0एन0 ओझा अधिशासी अभियंता लो0नि0वि0, डा0 अर्शद कमाल, डा0 बी0एन0 बाजपेई हैं। स्थानान्तरित होने वाले अधिकारी अशोक कुमार मौर्य उपायुक्त राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, गायत्री देवी प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी, ज्ञानेन्द्र कुमार सिंह अपर मुख्य अधिकारी, अमित तिवारी जिला पूर्ति अधिकारी हैं।
कानून व्यवस्था की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जनपद महराजगंज नेपाल की सीमा से सटा हुआ जनपद है और यह सीमा पूर्णतया खुली हुई है। वर्तमान परिस्थितियों में इस जनपद की संवेदनशीलता बहुत बढ़ गयी है, इसलिए जनपद के पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को निरन्तर सतर्क और चैकन्ना रहने की आवश्यकता है। कानून व्यवस्था में अपेक्षित सुधार नहीं दिखायी देने पर मुख्यमंत्री बेहद नाराज हुए। उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था के सुधार के लिए शासन जितनी धनराशि खर्च कर रहा है, धरातल पर उतना परिणाम दिखायी नहीं दे रहा है। यह एक गंभीर विषय है। योगी ने कहा कि थाने पर आने वाले पीड़ितों की समस्या को ध्यान से सुनकर उसका त्वरित निराकरण किया जाये। उन्होंने शत-प्रतिशत एफ0आई0आर0 दर्ज करने और एफ0आई0आर0 दर्ज होने के बाद विवेचना निर्धारित समय में पूरी कर न्यायालायों में कार्यवाही शुरू कराने के निर्देश दिये ताकि पीड़ितों को शीघ्र न्याय मिले और अपराधी को दण्ड दिलाया जा सके। उन्हांने पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया कि वेे पुलिस अधिकारियों की साप्ताहिक बैठक लें। उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था की स्थिति में सुधार न होने पर थानाध्यक्ष के साथ-साथ पुलिस अधीक्षक भी जिम्मेदार माने जायेंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वास्थ्य सेवाओं की भी विधिवत समीक्षा की। उन्होंने 04 माह से अधिक समय से गायब रहने वाले चिकित्सकों के विरुद्ध कार्यवाही के निर्देश दिये। उन्होंने यह भी कहा कि जो सरकारी चिकित्सक प्राइवेट प्रैक्टिस में लिप्त हों उनके वेतन की रिकवरी करायी जाये। ‘108’ एवं ‘102’ एम्बुलेंस सेवाओं के सुदृढ़ीकरण के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि सी0एम0ओ0 एवं डी0एम0 सुनिश्चित करें कि जरूरतमन्दों को एम्बुलेंस उपलब्ध हो। उन्होंने कहा कि सरकारी चिकित्सालयों में आने वाले मरीजों को चिकित्सा उपलब्ध करायी जाये, चिकित्सालयों को रेफरल सेन्टर न बनाया जाये। पंचायत कार्यों की समीक्षा करते हुए निर्देश दिया कि गांव में नियमित सफाई करायी जाये, एक भी सफाई कर्मी किसी अधिकारी के घर काम करते नहीं पाया जाना चाहिए। उन्होंने गांव में शत प्रतिशत शौचालय बनाने के भी निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री ने बैठक में छात्रवृत्ति योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, ग्रामीण पेयजल योजना तथा राशन कार्डों के सत्यापन की स्थिति की समीक्षा करते हुए कहा कि 15 अगस्त, 2017 तक राशन कार्डों का शत प्रतिशत सत्यापन हो जाना चाहिए। यह सत्यापन गुणवत्तापूर्ण होना चाहिए। गरीबों का खाद्यान्न चोरी करने वालों को जेल भेजा जाए। उन्होंने गड्ढामुक्त सड़क योजना के सम्बन्ध में महराजगंज जनपद के जनप्रतिनिधियों की शिकायत पर मण्डलायुक्त गोरखपुर को निर्देशित किया कि वे एक टेक्निकल टीम बनाकर इसकी विधिवत जांच कराएं। उन्होंने जिला गन्ना अधिकारी को निर्देश दिया कि वे सुनिश्चित करें कि गन्ना मिल समय से चलें, किसानों के गन्ना मूल्य का समय से भुगतान हो और पर्ची वितरण में किसानों के सामने कोई समस्या न आने पाएं। बैठक में उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि जन प्रतिनिधियों का सम्मान हो और प्रोटोकाल का पूर्णतया पालन होना चाहिए। बैठक में जनप्रतिनिधिगण व शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।