महाकालेश्वर मठ में की जाती है खंडित शिवलिंग की पूजा
किसी भी मंदिर में खंडित मूर्ति की पूजा नहीं की जाती है, ना ही उस मंदिर को मंदिर में रखा जाता है. आज हम ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जहां पर खंडित मूर्ति की पूजा की जाती है. आपको जानकार हैरानी होगी कि कौशाम्बी के महाकालेश्वर Mahakaleshwar Shiv Temple मठ स्थित शिव मंदिर में खंडित शिवलिंग की पूजा की जाती है और इसे अशुभ नहीं माना जाता है. आज हम इसी के बारे में आपको बताने जा रहे हैं.
इतना ही नहीं मंदिर में खंडित लिंग की पूजा करने से मनोकामना भी पूरी होती है. कौशाम्बी के महाकालेश्वर मठ स्थित खंडित शिवलिंग का मंदिर में आज भी खंडित शिव लिंग मौजूद है. ऐसी मान्यता है कि इस शिवलिंग को पूजा करने वाले भक्तों मनचाहा फल मिलता है. यह पूजा सावन के महीने में खास होती है. भक्त अपने आराध्य देव भगवान शिव की विशेष पूजा करते है. इसके अलावा लोगों का मनाना है कि इस शिव लिंग को महाभारत काल में पांडू पुत्रों ने अज्ञात वास के दौरान किया था.
कालांतर में औरंगजेब ने मंदिर पर चढाई करके शिव लिंग को खंडित किया था. उसी समय खंडित शिव लिंग के अन्दर से हजारों की संख्या में बर्रे निकली थी. वही बर्रे औरंगजेब की सेना पर कहर बनकर टूट पड़ी थी. बर्रे के हमले से काफी सेना वही मर गई थी, जो सेना बची थी वह मैदान छोड़ कर भाग निकली थी. खंडित शिवलिंग की पूजा के बारे में लोगों का कहना है जिससे आस्था जुडी हो उसमें दोष नहीं देखा जाता है. इसी के चलते लोग यहां पर खंडित शिव लिंग की पूजा करते हैं.