महात्मा गांधी चाहते थे कि भंग हो जाये कांग्रेस पार्टी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
- गांधीजी कांग्रेस को अनियंत्रित भ्रष्टाचार के साथ जारी रखने के बजाय सम्मानपूर्वक खत्म करना चाहते थे
नई दिल्ली : दांडी मार्च के 89 साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्लॉग लिखकर कांग्रेस पर निशाना साधा। मोदी ने लिखा कि गांधीवाद के उलट विचार पेश करना कांग्रेस पार्टी की संस्कृति रही है। महात्मा गांधी कांग्रेस की संस्कृति को अच्छी तरह से पहचानते थे। इसलिए वे इसे भंग करना चाहते थे, खासकर 1947 में आजादी के बाद। मोदी ने कहा कि आज उनकी सरकार बापू के मार्ग और देश को कांग्रेस मुक्त बनाने के उनके सपने पर काम कर रही है। मोदी का यह लेख गुजरात में कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक के दिन ही पोस्ट हुआ है। ऐसे में यह पार्टी के संगठन और नेतृत्व पर तंज की तरह देखा जा रहा है। मोदी ने सरदार पटेल को नमन करते हुए अपने लेख की शुरूआत की है। उन्होंने लिखा कि ‘महान सरदार पटेल’ ने दांडी मार्च के हर पहलू की योजना बनाने में अहम भूमिका निभाई। मोदी ने कहा कि गांधीजी असमानता और जातीय बंटवारे में विश्वास नहीं करते थे। लेकिन दुखद है कि कांग्रेस कभी समाज को तोड़ने में नहीं झिझकी। सबसे बुरे जातीय दंगे और दलित विरोधी नरसंहार कांग्रेस के शासन में हुए। ‘कुशासन और भ्रष्टाचार हमेशा साथ-साथ चलते है’ गांधीजी के इस वक्तव्य को दोहराते हुए मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने भ्रष्टाचारियों को सजा दिलाने के लिए सबकुछ किया, देश देख चुका है कि कांग्रेस और भ्रष्टाचार किस तरह एक दूसरे के पर्यायवाची बन गए थे। किसी भी क्षेत्र की बात कीजिए- रक्षा, टेलिकॉम, सिंचाई, खेल आयोजन से लेकर खेती किसानी या गावों का विकास हर तरफ कांग्रेस का कोई घोटाला होगा। कांग्रेस पर वंशवाद और गरीब विरोधी नीति अपनाने का आरोप लगाते हुए मोदी ने कहा कि गांधीजी ने हमेशा इसका तिरस्कार किया, लेकिन कांग्रेस आज इसी नीति पर चल रही है।
मोदी ने कांग्रेस नेताओं पर गरीबों के पैसे से अपने बैंक अकाउंट भरने और आलीशान जीवनशैली अपनाने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि गांधीजी समाज के हर आखिरी गरीब की भलाई चाहते थे, लेकिन कांग्रेस की संस्कृति हमेशा उनके विचारों के उलट रही। इंदिरा गांधी सरकार की 1975 की इमरजेंसी का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि गांधीजी हमेशा लोकतंत्र में भरोसा करते थे। वे कहते थे कि लोकतंत्र कमजोर को भी मजबूत के बराबर मौका देने का एक जरिया है। लेकिन कांग्रेस ने देश को इमरजेंसी दी। सरकार ने अनुच्छेद 356 का बार-बार दुरुपयोग किया। अगर उन्हें कोई नेता पसंद नहीं होता तो उस राज्य की सरकार भंग हो जाती थी। मोदी ने लिखा- गांधीजी कहा करते थे कि उन्हें दुख है कांग्रेस के लोगों ने स्वराज को सिर्फ एक राजनीतिक महत्व की चीज माना, न कि किसी अतिआवश्यक जरूरत के तौर पर।