महाभारत के इतिहास से जुड़ा है PM का गांव वडनगर, जानें इससे अनसुनी बातें
17 सितम्बर 1950 को वडनगर में जन्में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रारंभिक शिक्षा दीक्षा भी यहीं से हुई थी।
वडनगर शहर का इतिहास अनगिनत यादें समेटे हुए एक प्राचीन नगर है
वडनगर का इतिहास महाभारत काल से भी जुड़ा है। बताया जाता है कि इसे पहले आनंदपुरा के नाम से जाना जाता था। महाभारत काल में अनार्ता राजवंश का शासन था। आखिरी बार अनार्ता शासन का जिक्र 7वीं शताब्दी में मिला है जब चाइनीज यात्री शुआंगजांग यहां आए थे।
आनंदपुरा को अब वडनगर के नाम से जाना जाता है। इसे ब्राह्मणों का नगर भी कहा जाता था। 2009 में पुरातत्व विभाग को वडनगर 4 किलोमीटर लंबा दुर्ग भी मिला है। कहा जाता है कि वडनगर पहले गुजरात की राजधानी हुआ करता था। शहर छह गेटों से घिरा है, हर एक गेट का नाम अर्जुन बारी, नादीओल, अरथोल, घसकोल, पिथोरी और अमरथोल है। वहीं कपिला नदी भी वडनगर से होकर गुजरती है।
वडनगर को पहले टूरिस्ट एतिहासक स्मारकों को देखने आते थे लेकिन अब इन स्मारकों के साथ पर्यटक मोदी के घर को देखने भी पहुंच रहे हैं। टूरिज्म कॉरपोरेशन ऑफ गुजरात (टीसीजीएल) की वेबसाइट पर ‘ए राइज फ्रॉम मोदीज विलेज’ के नाम से वडनगर टूर पैकेज भी है।