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महाराष्ट्रः सूखाग्रस्त लातूर में पानी के लिए लगी धारा 144

एजेन्सी/ phpThumb_generated_thumbnail (23)लातूर। देश के कई हिस्सों में पानी की समस्या कितनी बढ़ गई है इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते है कि पानी के लिए महाराष्ट्र के लातूर में धारा 144 लगाई गई हैं। सूखा पीड़ित जिलों में पानी लेने के लिए हालत खूनी झड़प तक पहुंच गई है। पानी के सवाल पर लोगों के बीच बढ़ी संघर्ष की आशंका पर लगाम के लिए लातूर जिले के कलेक्टर पांडुरंग पॉल ने 31 मई, 2016 तक धारा 144 का सहारा लिया है। उनके मुताबिक पानी के टैंकरों के पास एक साथ पांच से ज्यादा लोग इकट्ठा नहीं हो सकते। पॉल ने नगर निगम के 20 बड़े टैंकरों के पास यह निषेधाज्ञा लागू की है।राज्य में यह अपनी तरह का पहला मामला है। कलेक्टर ने यह निर्देश सीआरपीसी की धारा 144 के तहत जारी किया है। लातूर में पानी की किल्लत को देखते हुए सरकारी टैंकों के पास संभावित हिंसा व विवाद की स्थिति को पैदा होने से रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है।

पूर्व सीएम विलासराव का गृहनगर है लातूर

पूर्व सीएम विलासराव देशमुख के होम टाउन लातूर सिटी से अब उनके बेटे अमित राव देशमुख विधायक हैं। यह जिला हर साल सूखे की मार झेलता है। पानी की बेहतर आपूर्ति के लिए मिली शिकायतों के बाद कलेक्टर ने यह कदम उठाया है। पुलिस से इस नियम को सख्ती से पालन करवाने कहा गया है।

टैंकर भरने वाली जगहों पर जाने से रोक

मामले से जुड़े एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि कलेक्टर ने सीपीसी की धारा 144 के तहत यह आदेश एहतियातन जारी किया है। इसमें जिले के सबसे अधिक सूखा पीड़ित क्षेत्रों को शामिल किया गया है। इसमें जिले के पानी टैंकर भरने वाले स्थान, सार्वजनिक कुएं, पानी टैंकर चलने वाले रूट और पानी टैंक शामिल हैं।

भीड़ की वजह से पानी वितरण में दिक्कत

हाल ही में कुछ असामाजिक तत्वों ने पानी भरने की जगह से ही टैंकरों को लूट लिया था। इसके अलावा कई बार कुओं के पास लगी भीड़ की वजह से टैंकरों में पानी भरने की दिक्कतें सामने आई। लातूर नगर निगम इलाके में 70 और ग्रामीण इलाकों में 200 पानी टैंकर रोजाना सात चक्कर लगा रहे हैं। फिर भी पांच लाख की आबादी के लिए पानी की जरूरी आपूर्ति की शिकायत बनी हुई है। मराठवाड़ा इलाके में सबसे गंभीर सूखाग्रस्त इलाकों में लातूर का नाम भी शामिल है।

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