राजनीति

महाराष्ट्र भाजपा में रार, पंकजा मुंडे बोलीं- यह धर्मयुद्ध है

मुंबई: छोटी बहन प्रीतम मुंडे को मोदी सरकार के मंत्रिपरिषद में जगह न मिल पाने पर मराठा नेता और उनकी बड़ी बहन पंकजा मुंडे ने अपनी नाराजगी जाहिर की है। पंकजा मुंडे ने यह स्वीकार किया कि वह प्रीतम को कैबिनेट में जगह न मिल पाने से नाराज हैं, लेकिन उन्होंने कहा कि यह सिद्धांतों के लिए धर्मयुद्ध का सही समय नहीं है। उन्होंने कहा कि इसका फैसला सही समय पर लिया जाएगा। मुंडे ने यह तो स्वीकार किया कि वह पार्टी के फैसले से नाराज हैं, लेकिन केंद्रीय नेतृत्व पर भरोसा भी जाहिर किया। उन्होंने बहन के मंत्री न बन पाने का ठीकरा सीधे तौर पर राज्य की लीडरशिप पर फोड़ा।

दरअसल बीजेपी की ओर से राज्यसभा सांसद भागवत कराड को केंद्रीय मंत्रिपरिषद में शामिल किया गया है, जबकि बीड़ लोकसभा सीट से सांसद प्रीतम मुंडे भी इसके लिए दावेदार मानी जा रही थीं। प्रीतम मुंडे को जगह न मिल पाने के बाद से उनके समर्थकों में नाराजगी देखी जा रही है। खासतौर पर वंजारी समुदाय से जुड़े उनके समर्थकों में गुस्सा है। राज्य के पूर्व दिग्गज भाजपा नेता गोपीनाथ मुंडे की बेटियों पंकजा और प्रीतम मुंडे को ओबीसी चेहरों के तौर पर देखा जाता रहा है। लेकिन अब उनकी जगह पर कराड को मंत्री बनाकर पार्टी ने नई लीडरशिप पैदा करने का संकेत दिया है।

मुंडे परिवार के खाते में मंत्री पद न आने के बाद बीड़ जिले के 75 बीजेपी कार्यकर्ताओं ने नगर निकाय से लेकर सहकारी संस्थाओं तक से इस्तीफा देने की पेशकश भी की है। इन कार्यकर्ताओं का कहना है कि मंत्री न बनाकर मुंडे परिवार के साथ अन्याय किया गया है। मंगलवार को पंकजा मुंडे के वर्ली स्थित दफ्तर के बाहर जुटे उनके समर्थकों ने पार्टी के निर्णय के खिलाफ प्रदर्शन करने की बात कही। हालांकि समर्थकों को संबोधित करते हुए पंकजा मुंडे ने कहा कि वह भी पार्टी के फैसले से नाखुश हैं और उनके त्याग और कठिन मेहनत को पार्टी ने नजरअंदाज किया है। लेकिन इसके बाद भी यह पार्टी को छोड़ने का समय नहीं है।

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