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महाराष्ट्र में मौकापरस्ती का गठबंधन, टिकेगा नहीं : नितिन गडकरी

मुम्बई : एनसीपी—कांग्रेस और शिवसेना के बीच होने जा रहे गठबंधन पर टिप्पणी करते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि इनके बीच वैचारिक तालमेल नहीं है। शिवसेना जिस विचारधारा पर चलती है, कांग्रेस उसका पूरी तरह से विरोध करती है। कांग्रेस जिस विचारधारा पर चलती है, उसका शिवसेना विरोध करती है। एनसीपी भी शिवसेना के विचारों से तालमेल नहीं रखती है। उन्होंने आगे कहा कि विचारों और सिद्धांतों के आधार पर यह गठबंधन नहीं हुआ है। यह मौकापरस्ती का गठबंधन है। यह टिकेगा नहीं और महाराष्ट्र में स्थिर सरकार भी नहीं दे पाएगा। इसमें महाराष्ट्र का काफी नुकसान होगा। मुझे लगता है कि महाराष्ट्र के लिए अस्थिर सरकार अच्छी बात नहीं है। शिवसेना के साथ गठबंधन होने के बावजूद बीजेपी सरकार क्यों नहीं बना पाई, इस पर गडकरी ने कहा कि इतिहास तो सबको पता है।


प्रश्न यह है कि बीजेपी और शिवसेना का जो गठबंधन था, वह हिंदुत्व के विचारों पर आधारित था। इसलिए यह देश में सबसे लम्बा अलायंस साबित हुआ है। आज भी हमारे विचारों में मतभिन्नता नहीं है। इसलिए ऐसे गठबंधन का न रहना, देश के लिए, विचारधारा के लिए, हिंदुत्व के लिए और विशेष रूप से महाराष्ट्र और मराठी मानुष के लिए नुकसानदायक है। वहीं झारखंड में बीजेपी की जीत का विश्वास जताते हुए नितिन गडकरी ने कहा, ‘झारखंड में प्रधानमंत्री मोदी और राज्य में रघुवर दास के नेतृत्व में स्थिर सरकार के अंतर्गत जो काम किए गए हैं, मुझे भरोसा है कि राज्य के लोग एक बार फिर से रघुवर दास के नेतृत्व में बीजेपी को फिर से चुनेंगे।

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