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महिलाओं को अब मुसीबत के वक्त जल्दी मिल सकेगी मदद, पढ़िए ये खबर

देहरादून: हैदराबाद कांड से सबक लेते हुए पुलिस अब महिलाओं को मुसीबत के वक्त तेजी से मदद पहुंचाने का खाका तैयार कर रही है। इसके लिए महिला सुरक्षा से संबंधित हेल्पलाइन और प्रकोष्ठों को एक-दूसरे जोड़ते हुए केंद्रीकृत व्यवस्था लागू होगी।

महिला हेल्पलाइन 1090 पर आने वाली फोन कॉल की संख्या बढ़ती जा रही है। फोन कॉल की संख्या बढ़ने का सीधा मतलब महिलाओं के शोषण की घटनाएं बढ़ रही हैं। आंकड़ों पर गौर करें तो इस साल जनवरी से अक्टूबर के बीच करीब पांच हजार फोन कॉल 1090 पर आए। यानी हर रोज औसतन 17 महिलाओं को पुलिस की मदद की जरूरत पड़ रही है। इनमें मैदानी जिलों देहरादून, नैनीताल, ऊधमसिंह नगर व हरिद्वार से आने वाले फोन कॉल की संख्या सबसे अधिक है।

पर्वतीय जिलों में कमोबेश स्थिति कुछ बेहतर है। इन फोन कॉल की संख्या के अतिरिक्त जिलों के पुलिस कार्यालय में बने महिला सहायता प्रकोष्ठ में महिलाओं से जुड़े सैकड़ों मामले पहुंचते हैं। कभी-कभार एक ही महिला हेल्पलाइन में भी शिकायत दर्ज करा देती है और संबंधित जिले के प्रकोष्ठ में भी वह गुहार लगा देती है। इससे आने वाली समस्याओं को देखते हुए पुलिस विभाग महिला शिकायतों से संबंधित फोरम को एक-दूसरे से जोडऩे और समन्वय स्थापित करने की दिशा में काम कर रहा है।

टूट रही आधी आबादी की हिचक

महिला हेल्पलाइन 1090 पर आए आने वाले फोन कॉल्स का सकारात्मक पहलू भी है। वह यह कि अब अपने ऊपर हो रही हिंसा, उत्पीड़न और छेड़छाड़ जैसी घटनाओं को लेकर उनकी हिचक टूटी है। एक दशक पूर्व तक इस तरह के अधिकांश मामलों में वह बदनामी के डर से चुप्पी साध जाती थीं, लेकिन अब वह असामाजिक तत्वों को सबक सिखाने के लिए खुलकर आवाज उठा रही हैं।

मुश्किल में यहां लगाएं गुहार

9411112780 : पुलिस मुख्यालय का हेल्पलाइन नंबर
18001804111: महिलाओं ने मदद को टोल फ्री नंबर
1090 : महिला हेल्पलाइन नंबर

बोले अधिकारी

अशोक कुमार (डीजी लॉ एंड आर्डर, उत्तराखंड) का कहना है कि महिलाओं तक त्वरित मदद पहुंचाना पुलिस की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसके लिए अभी व्यवहारिक स्तर पर तो दिक्कतें आ रही हैं, उनका अध्यययन कर एकीकृत व्यवस्था प्रभावी करने पर विचार चल रहा है। इसे लेकर कुछ ही दिन पहले जिलों के कप्तानों के साथ बैठक भी की गई है।

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